डिप्रेशन

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हम सभी ने अपनी जिंदगी के किसी न किसी अवसर पर स्वयं को उदास और हताश अवश्य महसूस किया होगा . असफलता , संघर्ष ,और जीवन में किसी अपने से बिछड़ जाने के कारण दुःखी होना बहुत ही आम और सामान्य सी घटना है परंतु यदि अप्रसन्नता , उदासी , दुःख , लाचारी , निराशा जैसी भावनायें कुछ दिनों या कुछ महीनों तक बनी रहती है और व्यक्ति को सामान्य रूप से अपनी दिनचर्या जारी रखने में असमर्थ बना देती है तो समझ लीजिये कि आप डिप्रेशन या अवसाद के शिकार हो रहे हैं . WHO के अनुसार हमारे देश में डिप्रेशन का आंकड़ा 5 करोड़ से ज्यादा है जो कि एक बहुत गंभीर समस्या है ….डिप्रेशन किशोरावस्था से 30 या 40 वर्ष की उम्र में शुरू होता है परंतु सच तो यह है कि यह किसी भी उम्र में हो सकता है . पुरुष की अपेक्षा महिलाओं में डिप्रेशन की समस्या ज्यादा देखी जाती है . मानसिक कारकों के अतिरिक्त हार्मोंस का असंतुलन , गर्भावस्था एवं अनुवांशिक विकृतियाँ भी डिप्रेशन का कारण होती हैं . डिप्रेशन के लक्षण हल्के और तीव्र अलग अलग लोगों में अलग अलग तरह के होते हैं . जैसे ….

1 . दिन भर और विशेष रूप से सुबह के समय उदासी

2. हर समय थकावट और कमजोरी महसूस करना

3. स्वयं को अयोग्य , असफल एवं दोषी मानना

4. एकाग्र रहने और फैसले लेने में कठिनाई होना

5. लगभग हर रोज या तो सोते रहना या बहुत कम सोना

6. हर काम मे अरुचि और नीरसता दिखाना

7. बार बार मृत्यु या आत्महत्या का विचार आना

8. बेचैनी या आलस्य महसूस होना

9. अचानक वजन बढना या फिर कम होने लगना

यदि किसी व्यक्ति में इनमें से 5 या 5 से अधिक लक्षण दो हफ्ते या उससे ज्यादा दिनों तक रहते हैं तो वह DSM-5 ( परीक्षण तकनीक ) के अनुसार उसेडिप्रेशन हो सकता है .डिप्रेशन एक मानसिक समस्या है परंतु इसका असर शरीर पर भी होता है जैसे … थकावट, दुबलापन या मोटापा , हार्ट डिसीज, सिरदर्द , अपचन आदि …यही कारण है कि ज्यादातर लोग इन शारीरिक लक्षणों के इलाज के लिये भटकते रहते हैं परंतु इन लक्षणों के जड़ों में छिपे डिप्रेशन पर ध्यान ही नहीं जाता … डिप्रेशन के कारण का पता लगाने के लिये किसी विशेषज्ञ से संपर्क करना आवश्यकहै . मनोरोग चिकित्सक डिप्रेशन के प्रकार और उसकी गंभीरता ते आधार पर इलाज का चयन करता है . जैसे …. काउंसलिंग , व्यवहार परिवर्तन , ग्रुप थेरेपी , दवाइयाँ या फिर मिश्रित पद्धति …

. सही इलाज के बाद डिप्रेशन के मरीजों में से अधिकंश पूरी तरह ठीक होकर सामान्य जिंदगी में लौट आते हैंयदि आपके परिवार , आसपास या फिर परिचित को डिप्रेशन के लक्षण हैं तो आप उस व्यक्ति की सहायता करें …

1.. डिप्रेशन को दूर करने के लिये किसी कुशल मनोचिकित्सक से परामर्श अवश्य करना चाहिये .

2… इस समस्या को अच्छे से समझने की कोशिश करें , इसके लिये अपने चिकित्सक की सलाह लें .

3.. रोगी को अकेला न रहने दें … दोस्तों के साथ बाहर जायें लोगों से मिले जुलें बातचीत और गपशप करें .

4… सुबहशाम टहलनें जायें .

5…अपने आप को काम में व्यस्त रखें

6…उदासी भरे गीत न सुनें

7… दिल ही दिल में घुटने के बजाय अपने मन की बातें किसी विश्वास पात्र या फिर मनोचिकित्सक को अवश्य बतायें .

8… काम को करने के नये नये तरीके खोजें और नये नये रास्तों से गुजरें .9… खुश रहने की ऐक्टिंग कीजिये जैसे आप सचमुच में कितने खुश हैं . सहकर्मियों , मित्रों के साथ हँसना स्वास्थ्य के लिये अच्छा है ..यदि हम रोते हैं तो कोई नहीं रोता हँसने में दुनिया हँसने को तैयार हो जाती है .

10… सकारात्मक कहानियां, लेख पढें पॉजिटिव लिविंग का लाभ उठायें .11…योग का सहारा लें . अनुलोम विलोम, प्राणायाम , ध्यान को सीख कर अपने जीवन में उतारें .

12 टी. वी . और मोबाइल सोने से एक घंटे पहलेबंद कर दें क्यों कि यदि आप कुछ नकारात्मक देखते हैं तो वह आपके अंतर्मन में बना रहता है .

याद रखें ….

1… डिप्रेशन एक बहुत ही आम लेकिन गंभीर समस्या है , जिससे बाहर आने के लिये व्यक्ति को चिकित्सकीय सहायता की आवश्यकता होती है

2… डिप्रेशन पागलपन नहीं है और डिप्रेशन के अधिकतर मरीज सही इलाज से पूरी तरह ठीक हो जाते हैं .

3..डिप्रेशन के इलाज के लिये सही जानकारी बहुत जरूरी है .

4… इस समस्या के इलाज कै लिये चिकित्सक और मरीज के साथ- साथ उसके परिवार और दोस्तों का सहयोग बहुत आवश्यक है .

पद्मा अग्रवाल

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