Bachpan

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सोचती हूँ तुम्हारा बचपन फिर वापस उठा लाऊँ

वो प्यारे मीठे दिन फिर एक बार जी जाऊँ 

फिर तुम्हें कभी गोद में ख़िलाऊँ 

तो फिर कभी तुम्हारा घोड़ा बन जाऊँ

फिर तुम्हें खाना खिलाने के हर रोज़ नए जतन जुटाऊँ

फिर तुम्हें गुड्डा बना कर खूब सजाऊँ

फिर तुम्हारा बचपन तस्वीरों में क़ैद कर जाऊँ 

फिर तुम्हारी फ़रमाइश परवोहि एक कहानी हर रोज़ सुनाऊँ 

जब तुम थक कर सो जाओ तो फिर वैसे ही तुम पर खूब लाड़ जताऊँ

सोचती हूँ तुम्हारा बचपन फिर वापस उठा लाऊँ 

और तुम्हारे साथ अपना बचपन भी फिर जी जाऊँ

सोमाली
All rights reserved @somalibammi


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