Category: Dil se

वृद्धाश्रम

डॉ. अर्जुन जब से कानपुर देहात के  जिला अस्पताल में CMO  बन कर आये हैं , उनका सामाजिक दायरा भी बढ गया है . चूंकि वह सरकारी  पद पर कार्यरत थे इसलिये वह लोगों से उनके प्रायवेट कार्यक्रमों से अधिकांशतः  हाथ जोड़ कर  माफी मांग लेते थे  लेकिन  फिर भी किन्हीं कार्यक्रमों में मना करते […]

अपने खालीपन

अपने खालीपन को भरने औरतें भरती रहती हैं बरनियों में अचारपतियों से उपेक्षित होकर खोजती हैं -पुत्री और पुत्र में वही प्यार…अंदर से धधकती भी हैं मगर बहाती हैं पुरवाई सी बयारढकने को अपना अवसाद करती हैं साज, श्रृंगार एक दिन में कई बार मजाल जो कह जाएं कि खालीपन है,बहुत खलीपन हौले से मुस्कुरा बस […]

हरियाली तीज स्मृतियां…

तीज पर्व के दो नाम प्रचलित हैं ….आसमान में उमड़ती घुमड़ती काली घटाओं के कारण इस पर्व को कजली (कज्जली)  तीज  और सावन की हरीतिमा के कारण हरियाली तीज के नाम से पुकारते हैं  । इस तीज पर्व पर तीन बातों  के तजने ( छोड़ने ) का भी विधान भी पुस्तकों में मिलता है – […]

बारिश और बचपन

निया ऑफिस से निकली  स्कूटी स्टार्ट करते ही बादलों की रिमझिम से उसका मन भीग कर बचपन में पहुँच गया था जब बारिश में अपने संगी साथियों के साथ   भीगना , झूला झूलना , गीत गाना और डांस करना उसका सबसे प्रिय काम था .  उन्हीं यादों में खोया हुआ उसका  मन  उल्लसित एवं तरंगित […]

सोनिया के एक्सीडेंट की खबर सुनते ही रोहन घबरा उठा

सोनिया के एक्सीडेंट की खबर सुनते ही रोहन घबरा उठा . वह सीधे सिटी हॉस्पिटल पहुंच गया था ,वहां पर सोनिया की नाजुक दशा देख कर उसकी आंखें बरस पड़ी . अभी तो सोनिया उसे बाय करके अपनेऑफिस के लिये निकली थी … उसे एमर्जेंसी में ऑपरेशन के लिये ले जाया गया था ….. पेपर्स […]

दक्षिण भारत तुम्हें सलाम

लालिमा ऑफिस से लौटी तो बहुत खुश थी , “माँ , मेरा प्रोमोशन हुआ है , मुझे चेन्नई जाना है “.“नहीं , इतनी दूर और तमिल बोलने वाले लोगों के बीच तुझे बहुत परेशानी होगी ? इसलिये अपने बॉस सेमना कर दो . तुम हिंदी बोलने वाली हो वहाँ तुम्हारी बात को कोई नहीं समझेगा […]

एक बोतल दूध

 45 वर्षीय रामचरण का नाम आज शहर के जाने माने लोगों में गिना जाता है . उन्होंने अपनी मेहनत और लगन के बलबूते दौलत का ढेर इकट्ठा कर लिया था …इस दुनिया में किसी भी व्यक्ति को अपने जीवन में खुश होने के लिये धन दौलत , सुंदर पत्नी , प्यारा सा बच्चा सब कुछ […]

मातृत्व

निम्न मध्यवर्गीय प्राइमरी स्कूल की अध्यापिका सुषमा जी आज पहली बार ट्रेन के ए. सी. कूपे में बैठने के लिये छोटे बच्चे की तरह उत्साहित थीं। उन्होंने सदा  कल्पना लोक में विचरण करते हुये ए.सी. कूपे की ठंडक का अनुभव किया था। बेटी की जिद और उसी की अनुकंपा से उन्हें आज यह सौभाग्य मिलने […]

Earth Day

हम सभी अपने बचपन से सुनते आ रहे हैं कि हमारा शरीर मिट्टी का पुतला है और अंत में मिट्टी में मिलजाना है . गम आज चाहे इस बात की गंभीरता को न समझें और इस कथन को मात्र जुमलेबाजी कह करमजाक बनायें परंतु सच्चाई यह है कि हमारे पूर्वजों को पृथ्वी के महत्व से […]

बेटियाँ तुम शक्ति रूपिणी हो

प्यारी बेटियाँ  अब जरूरत है कि   तुम दुर्गा बनो तुम तो शक्ति रूपिणी हो  तुम इंदिरा की संतान हो  अपनी शक्ति को पहचानो अपने अस्तित्व के लिये , अपने स्वत्व के लिये संघर्ष करो  भावनाओं में बह कर  किसी के कंधे का सहारा मत लो  क्योंकि तुम्हारे चारों तरफ  नरभक्षी प्यार का नाटक  करके तुम्हें […]

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