Category: Dil se

वृद्धाश्रम

डॉ. अर्जुन जब से कानपुर देहात के जिला अस्पताल में CMO बन कर आये हैं , उनका सामाजिक दायरा भीबढ गया है . चूंकि वह सरकारी पद पर कार्यरत थे इसलिये वह लोगों से उनके प्रायवेट कार्यक्रमों सेअधिकांशतः हाथ जोड़ कर माफी मांग लेते थे लेकिन फिर भी किन्हीं कार्यक्रमों में मना करते करते भीजाना […]

यदि सच में खुशी चाहते हैं तो अपने रिश्तों को सहेजें ……

हम सभी अपने पूरे जीवन खुश रहना चाहते हैं और खुश रहने के लिये ही पैसा कमा कर सुख सुविधा औरऐशो आराम की चीजें इकट्ठी करते रहते हैं लेकिन मेरा विचार है कि क्या खुशी को यदि पैसों से आप खरीदसकते हैं … नहीं न …. पहले अधिकतर संयुक्त परिवारों में लोग रहा करते थे […]

अस्तित्व…

क्या है वजूद.? कौन हूं मैं.? किसके लिए हूं मैं.? क्यों जी रही हूं.? किसके लिए जी रही हूं.? कौन करता है फिक्र.? किसको है चिंता.? औरत हूं मैं वजूद की तलाश में खुद से लड़ रही हूं……. ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ वजूद की तलाश में दर दर भटकती नारी ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ मां हूं तो किसने बनाया बेटों को […]

मेरी प्रिय टीचर

श्रीमती छाया मुकर्जी, उनकी स्टाइलिश साड़ी , जूड़े में लगा गुलाब , वह इग्लिश टीचर थीं . मैं 9 th में थी …पढाई से जी चुराने वाली , टेस्ट वाले दिन जानबूझ कर घर बैठ जाती . उन्होंने मुझे अपने कमरे में बुलाया , मैं डरी सहमी सी उनके पास पहुँची तो मेरी कॉपी पलटते […]

गणेशोत्सव

गणेशोत्सव महाराष्ट्र का बहुत लोकप्रिय त्यौहार है . यह हिंदुओं का पसंदीदा पर्व है …अब तो इसकीलोकप्रियता पूरे विश्व में फैलती जा रही है . हिंदू धर्म मे गणपति जी को विशेष स्थान प्राप्त है . सभी शुभकार्यों के पहले गणपति की वंदना पूजा अनिवार्य बताई गई है . लोकमान्य तिलक द्वारा शुरू किया गया […]

मैं क़लमकार

कविताएँ कहानी मेरे शौक़मुझे मेरे किरदारों को जीने केअलावा कुछ नहीं आतामेरे किरदार मेरी कमाई हैंऔर उनकी भावनाएँमेरे बोनस और ग्रेजुएटीकभी कभी सोचती हूँ किमेरे रिश्ते मेरे किरदार होतेतो अपनी कलम से उन्हेंमन चाहे रंग में रंगतीपर वो किरदार हैंउस विधाता केजिसने लिखा हैमेरा किरदार जोसिखाता मुझे किमुझे कैसे मेरा किरदारहै निभाना खुद सेछोड़ के […]

धुंधलाती आँखें

रात के 10 बजे थे मेघना बच्चों के कमरे में लेट कर पत्रिकायें पलट रही थी , अचानक ही बर्तन गिरने कीटन्न की आवाज से उनका ध्यान भंग हुआ तो वह झटके से उठ कर किचेन की ओर तेजी से गई थीं तभीवैभव का नाराजगी भरा उनका स्वर उनके कानों में पड़ा था , ‘इस […]

Bharat ki naari

यह भारत की नारी, मर्यादा नहीं तोड़ेगी।संस्कारों और मर्यादा के घेरे में पड़ी यह जिम्मेदारियां नहीं छोड़ेगी।मां की इज्जत और बाप की पगड़ी के खातिर खून के आंसू रो लेगी पर मर्यादा नहीं तोड़ेगी।फूलों से नाजुक यह बेटी ,कांटो से दामन भर लेगी पर मर्यादा नहीं तोड़ेगी।अपने बनाए रेत के सपनों को ,खुद ही पानी […]

किटी

सावन, हरियाली तीजमेंहदी लगे हाथ, हरी हरी चूड़ियांराधा कृष्ण का हिण्डोलानीम की डाल के झूले परसजी धजी बहू-बेटियांमहिलाओं का मनबहलावभारतीय संस्कृति से ओतप्रोतगीत संगीत से सराबोरजिसमें बच्चे , बड़े, बूढेसभी सम्मिलित हुआ करते थेमन से खुश होते थेअपने जीवन में संतुष्ट थेमोटा खा पहन कर भीप्रफुल्ल होते थेतनाव एवं द्वेष सेदूर थे मस्त थेकृत्रिमता और […]

हरियाली तीज स्मृतियां…

तीज पर्व के दो नाम प्रचलित हैं ….आसमान में उमड़ती घुमड़ती काली घटाओं के कारण इस पर्व को कजली(कज्जली) तीज और सावन की हरीतिमा के कारण हरियाली तीज के नाम से पुकारते हैं । इस तीज पर्व परतीन बातों के तजने ( छोड़ने ) का भी विधान भी पुस्तकों में मिलता है –1…छल कपट2…झूठ दुर्व्यवहार3…पर […]

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