जब मैं तुमसे मिली सब कुछ याद है उस दिन का
कहाँ जानती थी कि एक दिन ऐसा भी हो जाएगा
मिलते ही तुमसे ये दिल मेरा तुम्हारा हो जाएगा
पल पल हरपल तुम्हारे ही खयालों में खो जाएगा
मेरे इस पागल जी को फिर और नही कुछ भायेगा
तेरे वास्ते कुछ भी करने को राजी हो जाएगा
कहाँ जानती थी कि एक दिन ऐसा भी हो जाएगा
तुमने भी तो बदले में हाथ मेरा जब पकड़ा था
जोरो से दिल धड़का था बेमौसम पानी बरसा था
बड़े प्यार से तुमने मेरी आँखों में जब झांका था
बाहों में लेकर मुझको जब अपना हक जतलाया था
मुझसे बिछड़ने तेरा दिल अब राजी न हो पायेगा
कहाँ जानती थी कि एक दिन ऐसा भी हो जाएगा
हर बात याद है उस दिन की जब मैं तुमसे मिली।
उषा चित्रांगद