Category: Dil se

वह लड़की

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के एक नंबर प्लेट फार्म पर 25 वर्षीय हैण्डसम आरव अपनी ट्रेन की प्रतीक्षा कर रहा था । सर्दी अपने शबाब पर थी , शाम के 7 बजे थे परंतु कुहासे और ठंड के कारण प्लेटफॉर्म  पर पूरी तरह सन्नाटा पसरा हुआ था … कोहरे के कारण ट्रेन एक – एक […]

मैं तो बेटे वाला हूँ…..

रघुवीर की ग्रोसरी की दुकान में सुबह के 7 बजे से रात के 10 बजे तक भीड़ लगी रहती थी . मोहल्ले वालों की सुबह की ब्रेड और दूध के पैकेट से लेकर आटा , दाल चावल से लेकर घी मसाले क्या नहीं था रघुबीर की दुकान पर … दुकान की भीड़ के साथ साथ […]

मातृत्व

निम्न मध्यवर्गीय प्राइमरी स्कूल की अध्यापिका सुषमा जी आज पहली बार ट्रेन के ए. सी. कूपे में बैठने के लिये छोटे बच्चे की तरह उत्साहित थीं। उन्होंने सदा  कल्पना लोक में विचरण करते हुये ए.सी. कूपे की ठंडक का अनुभव किया था। बेटी की जिद और उसी की अनुकंपा से उन्हें आज यह सौभाग्य मिलने […]

जेठ की धूप

जेठ महीने की चिलचिलाती धूप में पसीने से लथपथ सरला सिर पर ईंट रख कर ढो रही थी  . आज कई दिनों के बाद उसे काम मिला था. पेट की आग जो न करवाये वह थोड़ा है .  6 वर्षीय मुन्नी  अपने 3 वर्षीय  भाई  नन्हें छुट्टन के साथ पेड़ की छांव  में बैठी हुई […]

बोन मैरो

“माँ मैं नर्वस फील कर कही हूँ , इतने बड़े स्टेज पर बैठ कर गीत गाना , मुझसे नहीं होगा .मैं अपना नाम वापस लेती हूँ.” सरिता जी ने बेटी के सिर पर प्यार से हाथ फेरते हुये कहा , “ लाड़ो ,  जीवन में ऐसे अवसर बार बार  नहीं  मिलते हैं .तुम्हे  मिल रहा […]

40 की उम्र को अपने ऊपर हावी न होने दें …..

आजकल अनेक महिलायें अपने घर की दहलीज पार कर नौकरी या व्यवसाय  में व्यस्त हैं परंतु अभी भी बहुत सी महिलाओ की बड़ी आबादी ऐसी है जो गृहिणी कहलाती हैं .. यह महिलायें सुबह से रात तक घरेलू कामों में लगी रहती हैं . झाड़ू पोछा , बर्तन , खाना आदि कामों में व्यस्त रहने […]

लौट आओ ख़ुशी

पिछले साल  मेरी क्लास में एक नई लड़की आयी थी,बेहद बातूनी,चंचल, और ज़िंदगी से भरपूर..होगी यही कोई उन्नीस बीस साल की,नाम था उसका “ख़ुशी” हर दिन एक नई कारस्तानी करती,डांटने पर,नित नये बहाने बनाते हुएबोलती हुई आँखों से फिर उन्हें सहेजतीदेखते ही देखते न जाने कब,साँवली सलोनी वो नटखट सी चुहिया,हम सभी के दिलों में […]

तन मन रंगों से सराबोर हो गया ——

‘आज बिरज में होरी रे रसिया ‘  गले में ढोलक लटकाये हुये गुलाटी जी गुलाल उड़ाते हुये होली के खुमार में पूरी तरह डूबे हुये रमन को आवाज दे रहे थे । वह तो पहले से ही प्लेट में गुलाल और गुझिया सजा कर तैयार बैठे थे । बस शुरू हो गया ‘रंग बरसे भीगे […]

खेलत फाग परस्पर मिलि के राधा कुंवर कन्हाई

मथुरा – कृष्ण का पावन जन्म स्थान कृष्ण सखी  कालिन्दी के घाटों पर बहती मलयज हवा के सुगन्धित हवा के सुगन्धित झोंके,विश्रामघाट पर विहार करती नौकाओं के मनोहारी दृश्य,नंद गांव,बरसाना,गोकुल,दाऊ जी और वृंदावन हर स्थान पर राधा कृष्ण के हजारों नेह कथानक ,कण कण मे   भक्ति का मनोहारी माधुर्य  ,बृज की सीमा में आते […]

मैं एक चीज़ को एक ही बार कह सकती हूँ

मैं एक चीज़ को एक ही बार कह सकती हूँ,  हज़ार दफ़ा दुआ माँग सक्ती हूँ,  और सौ दफ़ा ख़्वाब में सपने सजा सकती हूँ!  यकीन है कि जब आप दिल में कोई बुनियाद बना लें,  हकीकत का बगीचा एक दिन जरूर बनेगा..  – शुऐब अनम

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