मैं एक चीज़ को एक ही बार कह सकती हूँ, हज़ार दफ़ा दुआ माँग सक्ती हूँ, और सौ दफ़ा ख़्वाब में सपने सजा सकती हूँ! यकीन है कि जब आप दिल में कोई बुनियाद बना लें, हकीकत का बगीचा एक दिन जरूर बनेगा.. – शुऐब अनम
रोज डे
ललिता अपनी बॉलकनी पर खड़ी हुई थी तभी उनकी निगाह अपने घर के सामने रहने वाली धरा के कमरे में पड़ गई थी . आज रोज डे पर शिशिर अपनी पत्नी धरा को रोज का बुके देकर आलिंगनबद्ध करते देख कर वह स्वयं भी अपने प्रियतम से रोज के बुके लेकर उनकी बाहों में लिपटने […]
नव वर्ष का उपहार
20 वर्षीय सुमित्रा जो नीराजी के यहाँ मेड नहीं उनकी बेटी की तरह रह रही थी . वह कल रात में उससे बात करती हुई अच्छी भली सोईं थी लेकिन वह रात उनके जीवन की अंतिम रात हो गई थी . उन्हें इस हालत में देख वह घबरा उठी थी और वह फूट फूट […]
मैं नारी हूँ
सदियों से पूज्य रही हूँकन्या रूपेण मातृ रूपेणसीता भी मैं हूँ राधा भी मैं हूँद्रौपदी और गांधारी भी मैं हूँमैं नारी हूँकभी बेटी तो कभी बहनकभी प्रेमिका तो कभी पत्नीमैं ही माँ भी हूँजीवन में पल पल रूप बदलते रहेपर रहती तो नारी ही हूँमैं नारी हूँसदा सदा से कर्तव्यों कीबेड़ियों में जकड़ी रहती हूँअपने […]
अकेले हैं तो क्या गम है
“ माई डियर लेखिका पत्नी, आज शाम को सर्प्राइज पार्टी है” .सजल ने प्यार से उन्हें अपने आगोश में लेकरचूम लिया था . “शाम को तैयार रहना …मैं गाड़ी भेज दूँगा .”“बाय …” कहते हुये वह ऑफिस चले गये .आज सरप्राइज पार्टी सजल क्यों दे रहे हैं …. न बर्थ डे है न ही एनिवर्सरी […]
अकेले हैं तो क्या गम है
68 वर्षीय कुसुमजी बहुत चुस्तदुरुस्त एक्टिव महिला थीं परंतु अचानक पति के बिछोह ने मानों उनकी दुनिया ही उजाड़ दी . बेटा अमेरिका ले जाने को तैयार था परंतु वहाँ की लाइफ स्टाइल वह देख चुकी थीं . वह दुनिया से कट कर उदास, बीमार …जीवन के सभी रंगों से मुँह मोड़ कर जिंदा लाश […]
शब्द…
ये शब्द बड़े बलवानये शब्द बड़े नादानये शब्द हैं क्रांति भी,ये शब्द हैं भ्रान्ति भीये शब्द हैं रणभेरी भीये शब्द हैं शांति भीये शब्द..कुछ अहसासकुछ परिहासकभी सोचे समझेकभी अनायासये शब्द हैं आजये शब्द रचे इतिहासये शब्द हैं इंकलाबये बवंडर, ये सैलाबये आग, ये आबये सुकून, ये तापये दुआ, ये शापये शब्द..कभी प्यार से निकलेकभी बस […]
डिप्रेशन
हम सभी ने अपनी जिंदगी के किसी न किसी अवसर पर स्वयं को उदास और हताश अवश्य महसूस किया होगा . असफलता , संघर्ष ,और जीवन में किसी अपने से बिछड़ जाने के कारण दुःखी होना बहुत ही आम और सामान्य सी घटना है परंतु यदि अप्रसन्नता , उदासी , दुःख , लाचारी , निराशा […]
वह लड़की
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के एक नंबर प्लेट फार्म पर 25 वर्षीय हैण्डसम आरव अपनी ट्रेन की प्रतीक्षा कर रहा था । सर्दी अपने शबाब पर थी , शाम के 7 बजे थे परंतु कुहासे और ठंड के कारण प्लेटफॉर्म पर पूरी तरह सन्नाटा पसरा हुआ था … कोहरे के कारण ट्रेन एक – एक […]
मैं स्त्री हूं
मैं स्त्री हूँ जग की जननी हूँ सृष्टिकर्ता हूँ परंतु विडम्बना देखो…. अपनी ही रचना ‘पुरुषों’ के हाथों सदा से छली जाती रही हूँ मेरी अस्मिता से खेलता है रौंदता है…. मसलता है ….. अस्तित्व को नकार कर उस पर बलपूर्वक राज करना चाहता है मैं स्त्री हूँ जन्मते ही दोयम् बन जाती हूँ ‘बेटी […]