मैं एक चीज़ को एक ही बार कह सकती हूँ,
हज़ार दफ़ा दुआ माँग सक्ती हूँ,
और सौ दफ़ा ख़्वाब में सपने सजा सकती हूँ!
यकीन है कि जब आप दिल में कोई बुनियाद बना लें,
हकीकत का बगीचा एक दिन जरूर बनेगा..
- शुऐब अनम
“सुजय, तुम इन कागजों पर अपने दस्तखत कर देना …” “ये कैसे...
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