Home Dil se जेठ की धूप
Dil se

जेठ की धूप

Share
Share

जेठ महीने की चिलचिलाती धूप में पसीने से लथपथ सरला सिर पर ईंट रख कर ढो रही थी  . आज कई दिनों के बाद उसे काम मिला था. पेट की आग जो न करवाये वह थोड़ा है .  6 वर्षीय मुन्नी  अपने 3 वर्षीय  भाई  नन्हें छुट्टन के साथ पेड़ की छांव  में बैठी हुई अपनी अम्मा  की बात याद करके बहुत खुश हो रही थी .

“ नन्हें  ‘आज शाम को अम्मा को पैसा मिलेगा तो अम्मा   दाल भात  बनायेगी . आज हम लोगों को  भर पेट दाल भात  खाने को मिलेगा. “  नन्हां भाई बहन की बात सुन कर खुशी से नाचने लगा .

उसी समय कोठी का दरवाजा खुला, प्रौढ मालकिन बाहर आई और उन दोनों को  देखते ही चिल्ला पड़ी ,’भागो यहाँ से …अभी कुछ चुरा कर ले जाओगे …दोनों बच्चे सहमे हुये  छाँव से निकल कर चिलचिलाती धूप में आकर बैठ गये थे

 वह  वराण्डे में  खेल रहे अपने बच्चों से बोली, ‘ तुम लोग बाहर  क्यों खेल रहे हो …अंदर चलो एसी में खेलो… जेठ की  धूप लग गई तो…

मासूम छुट्टन बोला, “दीदी  जेठ की धूप क्या होती है ?’’

पद्मा अग्रवाल

Padmaagrawal33@gmail.com

   

Share
Related Articles
Dil se

नव वर्ष का उपहार 

20 वर्षीय सुमित्रा जो नीराजी के यहाँ मेड नहीं   उनकी बेटी...

Dil se

1 जनवरी को ही नया साल क्यों मनाया जाता है …

हम सब नया वर्ष 1 जनवरी को बहुत धूमधाम से मनाया  करते...

Dil se

इश्क 

‘  हेलो, प्रिटी गर्ल ‘           ‘ यंगमैन आई ऐम गीत’            “   ...

Dil se

मैं थोडा  थोड़ा आजाद हो गई हूँ

मैं थोडा  थोड़ा आजाद हो गई हूँ थोड़ा थोड़ा जिम्मेदारियों से आजाद...

Dil se

AASHA DEEP- light of hope

Epilogue It was the fifth anniversary celebrations of Aashadeep. Shonali felt a...

Ajanta Hospital TEX