इन दिनों त्यौहारों का ही माहौल था, शाम का समय था और पूरी बस खचाखच भरी हुई थी । आनन -फानन में मीनू ने किसी तरह खुद को बस के भीतर प्रवेश कराया और किस्मत से एक सीट मिल गई तो मीनू चट से बैठ गई ।जयपुर से रात का सफर था सुबह वो आराम […]
इन दिनों त्यौहारों का ही माहौल था, शाम का समय था और पूरी बस खचाखच भरी हुई थी । आनन -फानन में मीनू ने किसी तरह खुद को बस के भीतर प्रवेश कराया और किस्मत से एक सीट मिल गई तो मीनू चट से बैठ गई ।जयपुर से रात का सफर था सुबह वो आराम […]