आमंत्रण आइए श्रीमान फिर पीलीभीत शहर में, कान्हा वाली बांसुरी भी आपको बुलाती है। हिरणों की कूदफाँदबाघ भी लुभा रहे हैं, खुशबू बाँसमती की दुनिया को भाती है। चूकना न आप ‘चूका” बाइफर’ में आने को, ‘सात-झाल’ ‘साइफन’ वादियाँ बुलातीं हैं।देवहा, माला, शारदा डैम की अनूप छटा, उद्गम से आदि गंगा’ गोमती’ बुलातीं हैं।।—- गौरी शंकर […]