भुला नहीं पाएंगे हम 20 और 21 साल को ,डरे डरे सहमे सहमे, सब लोगों के व्यवहार को ।सड़के सूनी हो गई थी, मानो रेगिस्तान का मैदान हो, पर चिड़ियों की आवाज चहक-चहक कर आती थी ,झरने की आवाज, गीत भी गुनगुनाती थी ।घर बैठकर हमने आनंद भी खूब उठाया था। अंताक्षरी खेल, रामायण देख […]