अब हम पचपन पार हो गये हैं इसलिये चिंतित और परेशान है माथे पर लकीरें बन गईं हैं मन ही मन परेशान से रहते हैं लेकिन चेहरे पर मुखौटा लगा कर मुस्कुरा रहे हैं बच्चों के कैरियर की चिंता उनकी नौकरी की चिंता नौकरी है तो लोन की चिंता ई. एम. आई .की गाड़ी की […]
धुंधलाती आँखें
रात के 10 बजे थे मेघना बच्चों के कमरे में लेट कर पत्रिकायें पलट रही थी , अचानक ही बर्तन गिरने कीटन्न की आवाज से उनका ध्यान भंग हुआ तो वह झटके से उठ कर किचेन की ओर तेजी से गई थीं तभीवैभव का नाराजगी भरा उनका स्वर उनके कानों में पड़ा था , ‘इस […]