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हे रघुनन्दन ! दशरथ नन्दन

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हे रघुनन्दन ! दशरथ नन्दन,

 करबद्ध , तुम्हें शत शत वन्दन ।

हे दिव्य रूप! सन्ताप हरो

सबके आँचल में हर्ष भरो

मस्तक पर धार्य मुकुट, चन्दन, 

हे रघुनन्दन! दशरथ नन्दन…,

करबद्ध , तुम्हें शत शत वन्दन ।


वन गमन तुम्हारा अति पावन,

 जो था आज्ञा का अनुपालन,

 तिस पर रोया कानन- कानन

हे रघुनन्दन!दशरथ नन्दन….., 

करबद्ध ,तुम्हें शत शत वन्दन ।
तुम मर्यादा पुरुषोत्तम होमाँ सिया हेतु वर उत्तम हो

जो तुम्हें जिई पूरे जीवन

हे रघुनन्दन! दशरथ नन्दन…,

 करबद्ध , तुम्हें शत शत वन्दन ।
जन-जन का प्रभु उद्धार करो !

आ , पीड़ा का भवपार करो !

करते हैं हम सब अभिनन्दन,

 हे रघुनन्दन! दशरथ नन्दन…, 

करबद्ध , तुम्हें शत शत वन्दन ।

Poonam Mishra


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