मैं एक चीज़ को एक ही बार कह सकती हूँ, हज़ार दफ़ा दुआ माँग सक्ती हूँ, और सौ दफ़ा ख़्वाब में सपने सजा...
इंसानियत दिखाने व बताने के लिए, मनुष्य पहले इंसान बन के तो देख , जीवन में कुछ बनने से पहले, कुछ सोच समझकर...