Home Dil se वक्त
Dil se

वक्त

Share
Share

 इन्सान बस खुशियो को खोज रहा है|

कल की आस मे आज को खो रहा है, 

 यह वक्त है जनाब बीतता जा रहा है

आज नही कल करूगा       

बस यही दावा करता जा रहा है,

कल की आस मे ,आज को खो रहा है                                                 

 यह वक्त है जनाब बीतता जा रहा है|                

अरे, तुझ बिन भी यह दुनिया चलेगी

पर यह सोच कर हर काम कर रहा है     

कि मेरे बिना फिर,कौन करेगा

बस इसी आस मे जीता जा रहा है     

 छोड दे तू यह सारे भृम

दूर कर तू सब के गम     

खुश हो जा सब की खुशी मे,

फिर देख जीवन के रग   

यह वक्त है जनाब बीतता जा रहा है    

कल की आस मे आज को खो रहा है


आज तू ,हर पल को ,जी ले ,मान के           

  अपने अन्तिम पल

जो रूठा है उसे मना ले       

जो मिला उसे,अपना ले

नही मिलना हूआ है,जिससे         

मुलाकात का तु दौड बना ले

न जाने सासो कि डोर कब खीच कर टूट जायेगी

और यह तेरी सारी उम्मीदे माला के मोती की तरह भिखर जायेगी                  

 

कोमल नरूला

Share
Related Articles
Dil se

पति पत्नी के रिश्ते  में मजबूती लाने के लिये प्रयास आवश्यक हैं 

शादी सात जन्मों  का बंधन  है … जोड़ियाँ ऊपर से बन कर...

Dil se

 खिलखिलाती हँसी …..

 थोड़ी सी खिलखिलाती हँसी      बहुत दिनों के बाद पकड़ में आई  हो       ...

Dil se

बुढापा

कल रात मैं  जब सोई थी   मीठे  सपनों में खोई थी  तभी...

Dil se

कृष्ण जन्माष्टमी 

‘ऊधो मोहि बृज बिसरत नाहिं ‘…यदि आपको भी बृजभूमि  का  ऐसा ही...

Dil se

 पति पत्नी के रिश्ते  में मजबूती लाने के लिये प्रयास आवश्यक हैं 

शादी सात जन्मों  का बंधन  है … जोड़ियाँ ऊपर से बन कर...

Ajanta Hospital TEX