Tag: poet

मैं स्त्री हूं

          मैं स्त्री हूँ            जग की जननी हूँ            सृष्टिकर्ता हूँ             परंतु विडम्बना देखो….           अपनी ही रचना              ‘पुरुषों’  के हाथों               सदा से छली जाती रही हूँ                 मेरी अस्मिता से खेलता है               रौंदता है….  मसलता है …..                 अस्तित्व को नकार कर                  उस पर बलपूर्वक राज करना चाहता है                 मैं स्त्री हूँ                जन्मते ही दोयम्                बन जाती हूँ                 ‘बेटी […]

“दिल की बात”

हम तो स्वच्छ दर्पन हैं किसी से भी नहीं डरते डरें वो सौ मुखौटे जो  हैं अपनी जेब में भरते वादा कर मुकर जाना नहीं फ़ितरत हमारी है हम तो वो दीवाने हैं जो कहते हैं वही करते किसी का हक़ नहीं मारा नहीं की बेवफ़ाई है बचाया झूठ से दामन साफ़गोई से हैं रहते  […]

दशरथी अम्मा

आइये आज आप सबको अपनी “दशरथी”अम्मा से मिलवाते हैं…ये कई वर्षों से घर के पास रहती हैं और घरों में काम करने जाती हैं ख़ूब बढ़िया अवधी भी बोलती हैं..जब ये हँसती हैं तो इनका बस एक दाँत ही कमाल करता है.. अब इनका नाम “दशरथी”कैसे पड़ा ये भी बड़ा दिलचस्प किस्सा है..ये दशहरे वाले […]

Poetry – ONLY A MOTHER CAN…

Even though the world has evolved, there is still a lot of judgment in the world. Equality is something that people have been fighting for a long time, between black and white, rich and poor and men and women. I have one question though, why? Why should someone  apologize for being themselves, for being black/white, […]

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