मेरा जन्म 22 नवंबर 1963 में आगरा में हुआ। बचपन मिर्जापुर,प्रयागराज में बीता। प्रयागराज विश्विद्यालय से 1986 में अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर की डिग्री ली। पढ़ने लिखने में रुचि बचपन से ही थी। 15 वर्ष की वय तक पढ़ाई के साथ हिंदी साहित्य की पुस्तकें भी पढ़ती रही। विवाह के बाद कुछ वर्ष घर गृहस्थी और बच्चों के पालन पोषण में व्यतीत हुए। वर्ष 2000 में लखनऊ आने के बाद थिएटर का पुराना शौक पुनः आगे बढ़ा। इसी दौरान इग्नू से creative writing में डिप्लोमा भी किया। मेरा अधिकांश लेखन स्वान्तःसुखाय ही रहा है। अति महत्वाकांक्षा से दूर धीरे धीरे रचनात्मक्ता में संलग्न रही। वर्ष 2012 में ‘मन की बात’ नाम से ब्लॉग भी शुरू किया।कुछेक मेरे लिखे बाल नाटकों का मंचन हुआ है।
तीन नाटक ‘डार्क सर्कल’, ‘टी -टर्न’ और ‘भगनांश’ का मंचन BNA में हुआ है। ‘टी- टर्न ‘ नाटक में मैंने अभिनय भी किया था। कहानी, कविता भी लिखती रहती हूँ। हाँ वो बात और है कि, प्रकाशित अभी कुछ नहीं हो सका है। आने वाली फिल्म ‘ज़िंदगी-वन टी स्पून’ की कहानी दरअसल एक विचार बिंदु का विस्तार ही है,जो बातों बातों में ही हो गया और संयोग बनते गए,लोग जुड़ते गए और आज ये फ़िल्म सबके सामने आने जा रही है। मुझ अकिंचन के लिए ये एक बड़ी उपलब्धि है। ईश्वर की कृपा रही तो आगे भी रचनात्मक यात्रा चलती रहेगी।