‘ हेलो, प्रिटी गर्ल ‘
‘ यंगमैन आई ऐम गीत’
“ ओह व्हाट्स ए म्यूजिकल नेम “
‘ आई एम प्रत्यूष’
लगभग एक हफ्ते से मॉर्निंग वॉक के समय दोनो एक दूसरे को देख मुस्कुरा पड़ते थे . प्रत्यूष 25-26 साल का आकर्षक युवा था जिसे देखते ही गीत के मन में घंटियां सी बज उठतीं और वह उसके आकर्षण में बंधतीं जा रही थी. आज उसके प्रिटी गर्ल के संबोधन ने सहसा उसके दिल के तारों को झंकृत कर दिया था …
वह बोला,’ मैं एक हफ्ते पहले ही इंडिया आया हूं …आई एम प्रोजेक्ट हेड …. मैं डी ब्लॉक में रह रहा हूं ..’
“आई नीड ए फ्रेंड “…..उसने दोस्ती के लिये अपना हाथ आगे कर दिया था ….’
‘आई एम आल एलोन ….’
‘ मुझे शब्दों से खेलने का शौक है …. इंग्लिश की लेक्चरर हूं …. हिंदी में कविता कहानी लिखने का शौक है …. विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित भी होती रहती हैं …’
उसके चेहरे पर आश्चर्य के भाव थे …’ इंग्लिश की लेक्चरर और हिंदी में राइटिंग … ‘
वह बात करते करते उनके फ्लैट तक आ चुका था…
‘वॉउ …आप जितनी सुंदर हैं , उतना ही सुंदर आपका फ्लैट का इंटीरियर ….Fm पर ‘चौदहवीं का चांद हो या आफताब हो ‘.सुनते ही वह बोला , ‘ आपकी और मेरी पसंद बहुत मिलती है , यह गाना तो मेरा फेवरेट है’
‘माधुरी ऑमलेट मैं बना रही हूं , तुम कॉफी बनाओ…. ‘
‘ऐसा ऑमलेट तो लाइफ में पहली बार ही खाया है , जी चाहता है बनाने वाले का हाथ चूम लूं ‘
वह शोडषी की तरह से शर्मा उठीं थीं … अब तो उसका जादू उनके सिर चढ कर बोलने लगा था रात दिन प्रत्यूष का नशा छाया रहता ……
वह भी प्रिटी गर्ल कहते कहते आराम से घर का मेम्बर बन बैठा था …. उसके लिये कॉफी बना कर ले आता , उनकी कविता कहानियों की तारीफ करता …. कभी डिनर ऑर्डर कर देता तो कभी सन्डे को आउटिंग का प्रोग्राम बना लेता … कभी कभी इंग्लिश सांग पर दोनों बाहों में बाहें डाल कर डांस भी करते …. कभी बियर और वाइन की भी पार्टी हो जाती . वह प्रत्यूष के सपनों खोई सी रहने लगी थी ….
गीत वेस्टर्ऩ ड्रेसेज पहना करो यार …. बहुत स्मार्ट लगोगी … वह बावली हो उठी थी …क्या इश्क ऐसा ही होता है … एक दिन वह मॉल लेकर गया और उसके लिये वेस्टर्न ड्रेसेज पसंद करके ट्रायल रूम में पहन कर उसे दिखाने के लिये जबर्दस्ती सी करने लगा था . आइने में वह अपने अक्स को देख कर शर्मा उठी थी . यह सच था कि उसकी पतली छरहरी कमनीय काया पर वह ड्रेस बहुत फब रही थी और वह अपनी उम्र से दस वर्ष छोटी दिख रही थी .वह प्यार के नशे में वह इस कदर डूब चुकी थी कि सही गलत का एहसास ही नहीं कर पा रही थी ‘गीत , ये जूड़ा वेस्टर्न ड्रेसेज पर सूट नहीं करता …..’
वह दीवानी सी उसके साथ पार्लर जाकर लंबे बालों को कटवाने के बाद जरा भी नहीं पछताई थी . आस पास के लोगों की फुसफुसाहट और उनकी निगाहों में तैरते प्रश्नचिन्ह को वह नजरअंदाज कर देती ….
‘ गीत , आई ऐम इन प्राब्लम ….’
‘मुझे कल फ्लैट खाली करना है … अंकल की फैमिली आ रही है …’
‘.क्यों परेशान हो …. मेरे साथ कुछ दिन रह लो ……
वह उसके साथ लिव इन में रहने लगी थी …
प्रत्यूष तो कब से उनके आमंत्रण का इंतजार कर रहा था .
एक दिन जब प्रत्यूष ने उनके लबों पर अपने तप्त होंठ रख दिये तो उनकी क्वाँरा अनछुआ तन अपने अतृप्त मन को रोक नहीं पाया और उस रात उन्होंने उसकी बाहों में जो सुख मिला , उसकी चाह उनके मन में एक अरसे से थी .
आस पास के लोगों की घूरती आँखों को वह नजरअंदाज कर रही थीं . उनके कॉलेज तक उनके इश्क की खबरें पहुँच गईं थीं .
कुछ दिनों तक तो उन पर इश्क का भूत सवार रहा लेकिन इधर प्रत्यूष कई बार रुपये माँग लेता कि सैलरी मिलते ही मैं तुम्हें इकट्ठा लौटा दूँगा . शूरू में तो उसने 1-2 बार लौटा दिया था . फिर तो वह उनका एकाउंट हैंडल करने की कोशिश करने लगा था .
कुछ दिनों में ही उन्हें खटका था कि ..प्रत्यूष अपनी लैपटॉप और मोबाइल हमेशा लॉक क्यों रखता है … वह अक्सर देर रात को काम है कह कर चला जाया करता…. जब भी किसी का फोन आता तो वह घर से बाहर जाकर ही लंबी लंबी बातें करता…
फोन की घंटी सुनते ही वह तेजी से गिरता पड़ता भागता … संदिग्ध सा लगते ही, उनके मन में शक के कीड़े ने जन्म ले लिया था . उन्होंने चुपचाप घर में स्पाय कैमरे लगवा दिये थे . जिसमें उसकी हरकतें और बातें रिकॉर्ड हो गईं थीं .
एक दिन जब वह बाहर गया हुआ था . उन्होंने उसके सामान की तलाशी ली तो उसके बैग के कवर के एक चोर पॉकेट के अंदर ढेरों ड्रग्स के पैकेट्स छिपे रखे थे .
वह डर के कारण थर थर कांप रही थी , प्यार और इश्क के चक्कर में वह कितने बड़े रैकेट्स की शिकार बन चुकी थी . पल भर में वह अपने इश्क को भूल चुकी थीं और वह पुलिस का नंबर घुमाने में लग गईं थीं …..
Shared by : पद्मा अग्रवाल
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