Home Dil se नई उम्मीदें
Dil se

नई उम्मीदें

Share
Share

भुला नहीं पाएंगे हम 20 और 21 साल को ,
डरे डरे सहमे सहमे, सब लोगों के व्यवहार को ।सड़के सूनी हो गई थी, मानो रेगिस्तान का मैदान हो, पर चिड़ियों की आवाज चहक-चहक कर आती थी ,
झरने की आवाज, गीत भी गुनगुनाती थी ।
घर बैठकर हमने आनंद भी खूब उठाया था। अंताक्षरी खेल, रामायण देख जब टीवी में सीरियल आया था l
पुराने जमाने का एहसास वह मन में पाया था।
पर प्रकृति से जो किया था खिलवाड़ खुद बना था तूने ए मानव यह अपना मायाजाल ।
फसकर उसमें क्यों पछता रहा है, ए मानव तू क्यों अब घबरा रहा हैl
थी उम्मीद, सन 2021 जो आएगा नई उम्मीदें ले आएगा पर सांसे इसमें भी बिक रही थी ऑक्सीजन के सिलेंडर पर टिक रही थी
कईयों ने थी जान गवाई,
मौत थी उनके घरों में मंडराई,
बस धीरे-धीरे सब ठीक हुआ था,
पर आगे ओमी क्रोन खड़ा हुआ था,
बचकर इससे भी हम दिखलाएंगे।
नई उम्मीदों और नई उमंगों के साथ हम नया साल मनाएंगे

— कोमल नरूला

Share
Related Articles
Dil se

चैत्र नवरात्रि

हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना...

Dil se

 गूंज

शिशिर , यहां आओ … देखो आज का दिन कितना सुंदर है...

Dil se

रिश्ता

जीवन के कोरे पन्नों पे कुछ तुम लिख दो कुछ हम लिख...

Dil se

अंतस की बात

एक प्रश्नचिन्ह सा जीवन मेंजिसका जवाब न पाती हूँमैं सबके बीच में...

Dil se

गार्गी

This book is based on अदम्य, अटूट अस्तित्व A true book on...

Ajanta Hospital TEX