मैं खुश किस्मत हूँ
क्योंकि मेरे वो मुझे बहुत प्यार करते हैं
मैं सोचती हूँ कि प्यार वो नहीं कि
पति मंहगी बनारसी साड़ी
लेकर आये या फिर गहने जेवर गढवाये
जब वह प्यार भरी नजरों से मेरी ओर
देख कर अनायास कह उठते है
ये सूती साड़ी तुम पर कितनी खिलती है
इस साड़ी में तुम कितनी सुंदर लगती हो
उस समय मुझे भी उन पर बहुत प्यार आता है
वह सूती धानी साड़ी मेरी यादगार साड़ी बन जाती है
मेरा तन मन दोनों धानी धानी हो उठता है
मेरी पलकें नई नवेली सी शर्मा कर झुक जाती हैं
मैं खुशकिस्मत हूँ
क्यों कि मेरे वो मुझे बहुत प्यार करते हैं
क्यों कि प्यार वह नहीं कि
पति मंहगे उपहारों से घर को भर दें
मैं खुश हो जाती हूँ, जब मेरे वो
मेरे जन्मदिन पर प्यार से मुस्कुराते हुये
मेंरे जूड़े को बेले की लड़ियों से
सजा कर हैप्पी वाला बर्थ डे बोलते हैं
और प्यार से मेरी नरम हथेलियों को अपनी
मुट्ठी में बंद कर लेते हैं
उन पलों में तन का बंधन
मन का बंधन बन
मन भीग भीग उठता है ,….
मैं खुश किस्मत हूँ
क्यों कि मेरे वो मुझे बहुत प्यार करते हैं
मेरे वो मुझे मंहगे होटल में
ले जाकर खर्चीले डिनर नहीं करवाते
परंतु अपने आंगन में बैठ कर
खुले आसमान के नीचे
जब हम दोनों बैठकर
साथ में खाना खाते है और
प्यार भरे पल गुजारते हैं
वह खुशनुमा पल सारे कैंडिल लाइट डिनर
से ज्यादा आनंददायी होता है
उन आत्मिक प्यार भरे पलों को जीकर
मैं खुश हो जाती हूँ
मैं खुश किस्मत हूँ
क्यों कि मेरे वो
मुझे बहुत प्यार करते हैं