Home Dil se मैं थोडा  थोड़ा आजाद हो गई हूँ
Dil se

मैं थोडा  थोड़ा आजाद हो गई हूँ

Share
Share

मैं थोडा  थोड़ा आजाद हो गई हूँ

थोड़ा थोड़ा जिम्मेदारियों से आजाद हो गई हूँ 

अब मैं 60 पार कर सारे जहाँ की अम्मा बन गई हूँ 

बालों में चाँदी य़हाँ – वहाँ उतर आई है , आँखों पर ऐनक चढ गई है 

नजाकत दूर कहीं होती जा रही है  , कहते हैं सब मोटी हो गई हूँ 

सुबह जल्दी नहीं होती है , उठने की , रात की भी नहीं चिंता है होती 

नये नये पकवानों की अब फरमाइश भी नहीं होती 

परिंदे उड़ान भर कर दूर जा बसे हैं 

अब तो रोज बस उनके फोन का इंतजार बना रहता है 

चिड़ियों और पौधों  से बाते करके मन हल्का कर लेती हूँ ,

पौधों को नहलाती  धुलाती रहती  हूँ

रोज शामों को विचरने के लिये निकल जाती हूँ 

आवारगी से , यहाँ वहाँ विचरती रहती हूँ 

मैं अब किसी से नहीं डरती हूँ

कहते हैं वो भी … अब मैं बदल सी गई  हूँ

थोड़ी थोड़ी जिम्मेदारियों से आजाद हो गई हूँ

लिखने लगी हूँ कहानी , 

करने लगी हूँ टूटे फूटे शब्दों को जोड़ कर कवितायें

फिर भी आइने में खुद को देख कर , जब तब सँवरती हूँ

वक्त नहीं था  पहले , अब पहले सा वक्त नहीं ..

खोजती रहती हूँ नित नये दोस्त ,उन्हीं में मशगूल रहती हूँ 

थोड़ी थोड़ी जिम्मेदारियों से आजाद हो गई हूँ

मन सबल हो गया है मेरा लेकिन अब एहसास हो गया है निर्बल 

पीड़ा देख कर हर किसी की , मैं मन ही मन  सिसक उठती हूँ 

सिर्फ माँ थी पहले… अब नानी बन गई हूँ 

थोड़ी थोड़ी जिम्मेदारियों से आजाद  हो गई हूँ.

Shared by : पद्मा अग्रवाल

padmaagrawal33@gmail.com

                 

                        

Share
Related Articles
Dil se

बोन मैरो

“माँ मैं नर्वस फील कर कही हूँ , इतने बड़े स्टेज पर...

Dil se

पहलगाम आतंकी हमला

पहलगाम आतंकी हमला कई प्रश्न खड़े करता है … आतंक का नया...

Dil se

चैत्र नवरात्रि

हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना...

Dil se

 गूंज

शिशिर , यहां आओ … देखो आज का दिन कितना सुंदर है...

Dil se

रिश्ता

जीवन के कोरे पन्नों पे कुछ तुम लिख दो कुछ हम लिख...

Ajanta Hospital TEX