आजकल अनेक महिलायें अपने घर की दहलीज पार कर नौकरी या व्यवसाय में व्यस्त हैं परंतु अभी भी बहुत सी महिलाओ की बड़ी आबादी ऐसी है जो गृहिणी कहलाती हैं .. यह महिलायें सुबह से रात तक घरेलू कामों में लगी रहती हैं . झाड़ू पोछा , बर्तन , खाना आदि कामों में व्यस्त रहने के कारण उन्हें अपने शौक या कहा जाये तो स्वयं के लिये कुछ करने को तो दूर सोचने के लिये भी फुर्सत नहीं मिल पाती …. यही वजह है कि उनके जीवन में अवसाद अपना पैर पसारने लग जाता है … इसलिये आवश्यक है कि महिलायें अपने लिये भी कुछ समय निकालें …
हमेशा पति और बच्चों का ख्याल करने और प्यार करने के साथ साथ स्वयं से भी प्यार करें . अपने मन को नकारात्मक विचारों से दूर रखें. नकारात्मक विचार आपको अस्वस्थ करके असमय बूढा कर देतें हैं … अपनी खासियत और उपलब्धियों पर गर्व कीजिये … आप स्वयं पर विश्वास रखें उससे आपको स्वतः ही दूसरों से सम्मान प्राप्त होगा .
समय और उम्र खुशी के मानदंड बदलते रहते हैं …जैसे जैसे उम्र बढती जाती है … हमारी पसंद नापसंद के साथ साथ जीवन जीने का तरीका भी बदलता जाता है … उम्र के बढते कदम के साथ यदि आप खुश रहना चाहती हैं तो पहले तो अपने को समय के साथ अपडेट रखें दूसरे आप अपने व्यक्तित्व में निखार के प्रति सदैव सचेत रहें … अपने व्यक्तित्व और सौंदर्य के प्रति कभी भी लापरवाही न बरतें ….
40 की उम्र आते आते आप समझ लेते हैं कि आप आखिर में क्या चाहते हैं ? अब वह समय है जब आप उस काम को पूरे उत्साह और लगन से करें , जिस काम को आप पहले करना चाहतीं थीं लेकिन कर नहीं पाईं थीं …. जैसे आपको पेंटिंग का शौक था लेकिन पहले आप कभी उसको कर नहीं पाई …. अब जब आप पेंटिंग करियेगा तो आपको बहुत खुशी होगी …. गार्डेनिंग , डांस , योगा आदि जिस में भी आपको रुचि है , वह करिये … आप देखियेगा कि आपको कितनी खुशी महसूस होगी ….
पहले कभी बैडमिंटन खेलना आपको बहुत पसंद था लेकिन नहीं खेल पाई … आप देखियेगा कि इस समय आप खेलने के बाद आपके तन और मन दोनों को नई ऊर्जा से भर देगा . किसी हॉबी क्लास को ज्वायन करने के बाद आपको खुशी के साथ जीवन में नई ताजगी महसूस करवायेगा .
अपने पार्टनर के साथ रिश्ते पर ध्यान दें …. क्या आप अपनी व्यस्तता के कारण पार्टनर के साथ न ही डिनर पर गईं हैं न ही आउटिंग पर …. पार्टनर के लिये सरप्राइज डिनर प्लान करें … या पहले की तरह पति के साथ उनके फेवरेट जगह पर जायें और उनके साथ रोमांटिक आउटिंग प्लान करें ….दोनों के रिश्ते में दूरियाँ बढ जाये , उसके पहले ही सचेत हो जायें …. डेट पर जायें …. सरप्राइज ट्रिप प्लान करें …उम्र का कोई भी पड़ाव हो , रिश्ते जीवन के लिये सबसे मूल्यवान होते हैं …. यदि आपके पास कोई अपना नहीं है जिसके साथ आप अपनी खुशियाँ और उपलब्धियाँ साझा कर सकें तो आपको वह उपलब्धियाँ एवं खुशियाँ अधूरी लगेगीं … आपसी रिश्ते ही ऐसे होते हैं जो हमें संतुष्टि और खुशी प्रदान करते हैं … इसलिये रिश्तों में गर्माहट जरूरी है … उस पर धूल न जमनें दें और इसके लिये निरंतर प्रयासरत रहें चाहे पति पत्नी हो या पार्टनर या अन्य कोई रिश्ता ..
स्वयं को नजर अंदाज न करें ….. आप शुरू के दिनों पर अपने रख रखाव और ड्रेसिंग पर कितना ध्यान देतीं थीं … तो अब क्यों नहीं …. उम्र हो गई है …. ऐसा कह कर लापरवाही न करें ….इससे आपका उत्साह और आत्मविश्वास कम होता है … जीवन में खुश रहने के लिये कभी कभी स्पा या अरोमा थैरेपी लें , पार्लर से मुँह न मोड़ें… मसाज करवा कर आप को सुकून और शांति महसूस होगी ….अपनी उम्र के अनुरूप अपने मेकअप और हेयर स्टाइल में बदलाव लायें … अपनी वार्डरोब में समयानुसार बदलाव करती रहें …जब आप तन और मन से अपडेट रहेंगीं तो पार्टनर के साथ साथ सोसायटी मे भी आकर्षण का केंद्र बनीं रहेंगीं ….
स्वयं के लिये समय अवश्य निकालें ….. अपनी बॉलकनी , लॉन या कमरे के कोने में बैठ कर एक कप चाय कॉफी अकेले पीना और साथ में यदि पढने का शौक है तो मनपसंद मैगजीन या किताब खोल कर अपना पसंदीदा टाइम पास या फिर किसी मित्र के साथ गॉसिप करके , किचेन में कुकिंग करके , गार्डनिंग करके या जो भी आपका मनपसंद काम है करके आपको आत्मिक खुशी मिलेगी … विचारकों का भी कहना है कि ‘मी टाइम ‘ से संतुष्टि और खुशी प्राप्त होती है . आपकी अपनी रचनात्मकता की प्रसन्नता अनूठी होती है .
सेहत जीवन की अमूल्य निधि है …. विद्वानों का कहना है कि जो लोग अपने स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहते हैं , सुबह टहलना , जिम , साइकलिंग , एरोबिक या योग आदि करते रहते हैं , उन्हें बढती उम्र स्वास्थ्य संबंधी परेशानियाँ कम होती हैं …एक्सरसाइज के साथ साथ अपनी डाइट का भी ध्यान रखें … और हेल्थ चेकअप समय समय पर करवाते रहें … अपने ऱोजमर्रा के भोजन में ताजे फल , साबूत अनाज , फलियाँ आदि अवश्य शामिल करें . जंक या प्रोसेस्ड फूड से दूरी बरतें .
अपने भविष्य को सुनियोजित करें ….40 की उम्र तक आप जिम्मेदारियों के बोझ से घिरे रहते हैं परंतु यही समय है जब आप अपने भविष्य को सुनियोजित करने के लिये बचत योजनाओं में निवेश कर सकते हैं , घर खरीदने का प्लान कर सकते हैं , बच्चों की शिक्षा के लिये बचत योजना कर सकते हैं , मेडिकल स्कीम में निवेश कर सकते हैं , जो भविष्य में आपको सुरक्षा और चिंतामुक्त करेगा .
इस तरह से आप अपनी व्यस्तता एवं सोच के साथ अपने भविष्य की रूपरेखा बनाकर अपने जीवन को सुरक्षित कर आगामी वर्षों का आनंद उठा कर प्रसन्नता पूर्वक जीवन यापन कर सकती हैं .
पद्मा अग्रवाल