Home Dil se प्यार व्यार तो केवल टाइम पास है …..
Dil se

प्यार व्यार तो केवल टाइम पास है …..

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आस्ट्रेलिया का नाम सुनते ही कुंदन की आँखों के सामने कस्तूरी से मिलने की उम्मीद जाग गई थी .
वह बहुत खुश था… वह लैपटॉप में सोशल साइट्स पर कस्तूरी को सर्च करने में लग गया ….
सिडनी के नाम से कस्तूरी की यादें उसके मानस पटल को आंदोलित करने लगीं थीं … कस्तूरी के चले जाने के
बाद उसे लड़की जाति से ही नफरत हो गई थी और वह अकेले ही रह रहा था. कस्तूरी के साथ बिताये पल बार
बार उसकी आँखों के सामने चलचित्र की भाँति सजीव होकर तैरने लगते थे….कस्तूरी को गये लगभग 3 साल
हो गये थे लेकिन आज भी वह उसके इंतजार में आँखें बिछाये बैठा हुआ है … वह अतीत की मीठी यादों में
खो गया ……एक दिन जब वह ऑफिस पहुँचा था , तभी उसकी निगाह एक सुंदर लड़की पर ठहर कर रह
गई थी … संगमरमर सा सफेद गोरा रंग , हिरणी सी सपनीली आँखें, कोमल पंखुड़ियों गुलाबी होंठ , लंबे लंबे
सेट करे हुये बालों की बलखाती हुई लंबी सी चोटी …रॉयल ब्लू ट्राउजर पर लाल टी शर्ट , कानों में मैचिंग लाल
इयरिंग … वह एकदम परी सी दिखाई पड़ रही थी ….सबको गुड मॉर्निग का जवाब देते हुए उससे नजरें
मिली तो उसने अभिवादन करते हुए कहा , ‘आई एम कस्तूरी , न्यू एप्वायंटमेंट …’
कोयल की सी मीठी आवाज ने उसके कानों में मानों संगीत का सुर छेड़ दिया हो .. वह चमत्कृत हो
खुशी से झूम उठा था , यही तो मेरे सपनों की रानी है , जिसे वह यहाँ वहाँ कब से ढूंढ रहा था … वह
सोचने लगा कि कहावत सही है …’ गोद में छोरा नगर में ढिढोरा ‘…. वह खुशी से आल्हादित होकर कल्पना
के झूले पर पेंग मारने लगा था .
बस उसी दिन से कॉफी साथ में पीने के बाद तो मिलना जुलना , घूमना फिरना , साथ में लंच और वीकेंडस
में डिनर …. बेशुमार बातें ही बातें … वह चहकती तो मानों उसका दिन बन जाता … वह मन ही मन उसे
इतना चाहने लगा था कि लगता था कि उसके बिना दुनिया ही अधूरी है … उसके लिये एक घर बनाऊंगा ,…
वह हर वह खुशी देगा जो वह चाहेगी …. विदेश की सैर करवाऊँगा ….हर पल वह सपने सजाता रहता और
ख्वाबों में उसे अपनी बाहों में पाता … जब एक दो बार उसने उसकी नर्म हथेलियों को छुआ तो उसे अपने
आगोश में लेने के लिये उसका मन मचल उठा सेकिन अपनी छवि न खराब हो जाये , इसलिये अपने हाथ
पीछे खींच लिये … लेकिन एक दिन थियेटर में जब उसके गालों पर अपने होंठ रखने लगा तो वह चिंहुक कर
बोली ,’’ कुंदन कंट्रोल योरसेल्फ “और फिर झट उसने सॉरी बोल कर स्थिति संभाली थी .
एक शाम वह बीच पर उसका इंतजार कर रहा था , तभी वह तेजी से भागती हुई उसके पास आई और खुशी
से उसको अपनी बाहों के घेरे में जकड़ लिया …. इस अप्रत्याशित आलिंगन से उसकी सारी इंद्रियां तानपुरे
के तारों सी तरंगित हो उठी ….” कुंदन आज मैं बहुत खुश हूँ … मुझे तुमसे कुछ कहना है ….” वह कल्पना
लोक में डूबा हुआ खुशी के अतिरेक में उसे अपने बाहुपाश में जकड़ कर चुंबनों की बौछार करने के बाद बोला
,” जल्दी बोलो……”
“आज मुझे भी तुमसे कुछ कहना है ….”
“कुंदन आज का दिन मेरे जीवन का बहुत खास दिन है …. और वह खुशी मैं अपने प्रिय दोस्त के साथ सबसे
पहले साझा करना चाहती हूँ ….”

पहले तुम … पहले तुम होता रहा … फिर कस्तूरी अपने को नहीं रोक पाई थी , “मेरी जॉब ऑस्ट्रेलिया में
लग गई है … 20 जून को वीसा इंटरव्यू के लिये जाना है …. “
वह तो जैसे चेतना शून्य हो उठा … उसके सपनों का महल एक क्षण में भरभरा कर चूर चूर हो गया था …
उसकी आंखों में आंसू आ गये … मुंह के शब्द कहीं खो गये …
तुम बताओ क्या कहने वाले थे …. वह रूँधे गले से बोला , “आई लव यू कस्तूरी … तुम्हारे साथ शादी करके
अपनी दुनिया बसाऊँगा … मैं तुम्हें पहले दिन से बहुत प्यार करता हूँ ….”
“प्यार व्यार तो टाइम पास है … कुंदन यह मेरी लाइफ का गोल्डेन चांस है … मेरा कैरियर …” वह खुशी से
वहाँ पर नाचने लगी थी …
एक बार फिर वह बोला ,” मेरा प्यार “
“ये प्यार नहीं है ,… स्वार्थ है … यू आर सेल्फिश ….”
“तुम्हें तो दूसरी लड़की मिल जायेगी लेकिन मेरा कैरियर …. मैं ऑस्ट्रेलिया जाऊँगी …. ‘’
एयर होस्टेस की आवाज से उसकी तंद्रा टूटी थी ….
कस्तूरी … कस्तूरी .. कह कर उसने आंखें खोली और एयरहोस्टेस को देख कर वह शर्मा गया और उसने सूप
लिया और फिर प्रोजेक्ट के प्रेजेंटेशन की तैयारी के लिये अपने लैपटॉप में सिर झुका लिया था .
“प्यार व्यार तो टाइम पास है ….” कुंदन के कानों में गूँज रहा था ….

पद्मा अग्रवाल
Padmaagrawal33@gmail.com

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