सोनिया के एक्सीडेंट की खबर सुनते ही रोहन घबरा उठा . वह सीधे सिटी हॉस्पिटल पहुंच गया था ,
वहां पर सोनिया की नाजुक दशा देख कर उसकी आंखें बरस पड़ी . अभी तो सोनिया उसे बाय करके अपने
ऑफिस के लिये निकली थी … उसे एमर्जेंसी में ऑपरेशन के लिये ले जाया गया था ….. पेपर्स पर साइन करते
हुए उसका हाथ कांप उठा था …. वह सोनिया की मां जया जी का बेसब्री से इंतजार कर रहा था … वह फैक्ट्री
के काम से कलकत्ता गईं हुईं थीं … वह शहर की जानी मानी धनाढ्य महिला थीं और सोनिया उनकी इकलौती
बेटी …..
जया जी को आता देख , वह तेजी से उनकी ओर बढा और उनके कंधे पर अपना सिर रख कर काफी देर तक
फूट फूट कर रोता रहा ….उन्होंने उसके आंसू पोछे और अपने बैग से बॉटल निकाल कर उसे दी , लो पानी
पियो …
मॉम, प्लीज सोनिया को बचा लीजिये ..
सोनिया ठीक हो जायेगी , तुम फिक्र मत करो ….. डॉक्टर क्या कह रहे हैं ….
डॉक्टर कह रहे हैं कि हम पूरी कोशिश कर रहे हैं…. आगे ऊपर वाले की मर्जी ….
जया जी ये सुनते ही विचलित हो उठीं थीं और वह अपने परिचित डॉक्टर टंडन जो इसी मेडिकल कॉलेज
में रीडर थे उनसे मिलने के लिये उनके केबिन की तरफ चल दीं थी … वह अपने केबिन में कुछ छात्रों के साथ
डिस्कशन कर रहे थे लेकिन जया जी का कार्ड देखते ही उन्होंने सबको विदा किया और स्वयं बाहर आ गये थे..
अरे जया जी आप यहां कैसे … सोनिया का सीरियस एक्सीडेंट हुआ है , उसका ऑपरेशन चल रहा है ….
तुमने मुझे पहले क्यों नहीं बताया …
मैं तो बाहर थी …. कोई अपरिचित यहां ले आया था …वह एमर्जेंसी में एडमिट हुई थी ….फिर रोहन ने पेपर्स
साइन किये तो उसका ऑपरेशन शुरू हो पाया …
ओ. के. मैं देखता हूँ … उन्होंने बताया कि डॉ. वत्स बहुत काबिल और सीनियर सर्जन हैं वही इसका ऑपरेशन
कर रहे हैं ..
डोंट वरी जया जी …. सोनिया बेटी को कुछ नहीं होगा … कहते हुए वह अंदर चले गये और उन्हें अंदर आने से
मना कर दिया था ….
बाहर खड़े होकर जया जी और रोहन दोनों ही बेचैनी से उनके लौटने का इंतजार कर रहे थे …
लगभग आधे घंटे के बाद वह लौट कर आये तो उनके चेहरे पर चिंता की लकीरें साफ साफ दिखाई पड़ रही थी.
जया जी साफ शब्दों में कहूँ तो सोनिया इज क्रिटिकल …. 24 घंटे यदि निकाल लेती है तो फिर हम लोग
उसे निश्चित रूप से बचा लेंगें …अभी वह आई . सी. यू. में ही रहेगी … डाक्टर उसकी मॉनिटरिंग करते रहेंगें
….उसकी इनर ब्लीडिंग लगातार हो रही है …. उसकी आंतें कुचल गई हैं , थोड़ी काट कर निकाल दी गई है
लेकिन अभी भी वह रेसपांस नहीं कर रही है …
आप लोग बाहर बैठें, डॉक्टर पूरी कोशिश कर रहे हैं ….
सोनिया के एक्सीडेंट की खबर फैल गई थी इसी वजह से जया जी का फोन लगातार बज रहा था …. उनके
परिचित और रिश्तेदारों की भीड़ बाहर इकट्ठी हो गई थी … सभी लोग एक्सीडेंट के बारे में जानना चाह
रहे थे …. जया जी को घेर कर सब लोग सोनिया के बारे में जानकारी ले रहे थे … वह एक कोने में थक कर
बैठ गया था …. उनके परिचित और रिश्तेदारों की निगाह में उसके प्रति हिकारत की भावना थी क्योंकि वह
साधारण परिवार से था और सोनिया रईस मां की इकलौती संतान थी … जया जी भी उसे पसंद नहीं करतीं थीं
इसी वजह से सब लोगों की धारणा थी कि उसने सोनिया के पैसे की वजह से शादी की है जब कि वह दोनों
स्कूल के दिनों से ही एक दूसरे को पसंद करते थे …. उसने तो सोनिया के लिये अपने माता पिता तक से
संबंध समाप्त करने में एक क्षण के लिये भी नहीं हिचका था ……. इस समय उसे अपने अम्मा पापा और
छोटे भाई रोहित की बहुत याद आ रही थी …इस मुसीबत की घड़ी में वह अम्मा के कंधे पर अपना सिर रख
कर जी भर कर रो लेना चाहता था . मेरी अम्मा क्या इस मुश्किल घड़ी में भी बेटे के साथ नहीं खड़ी होगी
…इस समय उसकी जीवन रेखा सोनिया अपनी एक एक सांस के लिये संघर्ष कर रही है ….
बेचैनी के कारण मानसिक तनाव अपने चरम पर था … वह कभी चहल कदमी करता तो कभी किसी
स्टाफ से सोनिया की हालत के बारे में जानकारी लेने की कोशिश करता ….. वह दूर से देख रहा था ….जया
जी कभी अपने फोन पर बात करतीं तो कभी किन्हीं लोगों से बात करतीं दिखाई पड़ रहीं थीं …
तभी अकस्मात उसे अपनी आंखों पर सहसा विश्वास नहीं हो रहा था …. उसकी अम्मा पापा और रोहन को
अपनी ओर आते देख उसकी आंखें भर आईं थीं …. सब कुछ भूल कर वह अम्मा के गले लग गया , ‘‘लल्ला
सोनिया कैसी है ?’’ अभी ऑपरेशन चल रहा है , वह क्रिटिकल है … कहते हुए उसकी आवाज रूंध गई थी ….
फिकर मत करो , भगवान् पर विश्वास रखो …
तभी ओ.टी. की हरी लाइट जलते ही रोहन ने राहत की सांस ली थी … तेजी से लपक कर जया जी और
रिश्तेदारों की भीड़ भी उनके साथ आ गईं थीं … डॉक्टर वत्स बाहर आये …उन्होंने बताया कि सोनिया अभी
बेहोश है , इनर ब्लीडिंग लगातार हो रही है … पेशेंट अभी रिऐक्ट नहीं कर रही है …. दो यूनिट ब्लड का आप
लोग इंतजाम कर लें .. अभी जरूरत है …जो देना चाहे वह सिस्टर को बता दें , … कहते हुए वह तेजी से
चले गये थे … जया जी के परिचित और रिश्तेदार एक दूसरे की बगलें झांकने लगे लेकिन रोहन और रोहित
सिस्टर के पीछे चल दिये थे ….
जब वह दोनों ब्लड डोनेट करके आये तब तक सोनिया को उस कमरे में शिफ्ट कर दिया गया था जहां
शीशे से उसे देखा जा सकता था … सोनिया को ब्लड चढ रहा था , जया जी बेटी के पीले चेहरे को देख
कर अपने को नहीं रोक पाईं और वह फफक पड़ीं … रोहन की माँ
पद्मा अग्रवाल