जीवन के कोरे पन्नों पे कुछ
तुम लिख दो कुछ हम लिख दें
प्रश्नों के हल मिल जाएंगे
कुछ तुम पढ़ दो कुछ हम
पढ़ दें
कुछ श्वेत श्याम से चित्रों को
रंगों की दरक़ार है
चलो घोल के रंग उनचित्रों में
कुछ तुम भर दो कुछ हम भर दें
हम दोनों के बीच में कुछ कहा अनकहा बाक़ी है
चलो छोड़ के सब मतभेदों को
कुछ तुम कह दो कुछ हम कह दें
जीवन सुख दुःख का क़िस्सा है
दोनों की त्याग तपस्या है
चलो घर आँगन के लिए इसे
कुछ तुम कर दो कुछ हम कर दें
कुछ कमी रही है तुममें भी कुछ कमी रही है हममें भी
चलो भूल के उन सब कमियों को
कुछ तुम हँस दो कुछ हम हँस दें
हम दोनों दिल से जुड़े रहें
रिश्ता केवल ज़िस्मानी न हो
चलो कोशश कर अंतर्मन को
कुछ तुम छू लो कुछ हम छू लें
ये सफ़र यूँ ही कट जाएगा
संग संग में यूँ खिल जायेगा
चलो एक दूजे का हाथ थाम
कुछ तुम चल दो कुछ हम चल दें

Shared by : नीरजा शुक्ला ‘नीरू