इंसानियत दिखाने व बताने के लिए,
मनुष्य पहले इंसान बन के तो देख ,
जीवन में कुछ बनने से पहले,
कुछ सोच समझकर कुछ करके तो देख।
यह जीवन इतना भी छोटा नहीं, कि आंसू बहाने से कलुस्ता मिट जाए,
दया करके तो देखो किसी पर,
जीवन भर की याद बन के तो देख।
दया में छिपी है यादें जीवन की,
कुछ पाना चाहते हो तो भला करके तो देख,
तभी तो पाओगे वास्तव में कुछ,
उस लाभ को जरा कमा कर तो देख।
किसी को सुधारना चाहते हो,
तो उससे क्षमा करके तो देख,
किसी दयनीय पर सहानुभूति दिखा कर तो देख,
कभी ढाढस देने के लिए पीठ थपथपा कर तो देख।
जिंदगी की चंद यादों को,
अपने दिल में संजो कर तो देख,
लगेगा आसमान छू लिया तूने,
कभी किसी को अपना बना कर तो देख।
सुलगती हुई रातों में चमकते तारों को देख,
अपने खून की लाली व रवानी को देख,
जब भी काम आएगा ,अपना ही आएगा,
कभी उस बेचारे को आजमा कर तो देख।
पत्ते क्या सूखे, पेड़ ठूठ हो गया ,
चिड़िया का घोंसला भी बेनूर हो गया,
कभी लहलहाते पत्तों को, फूलों को याद कर,
उसके साथ दो आंसू बहा कर तो देख।
हौसला दे उस निर्जीव तरु को ,
बरसात आते ही हरा भरा हो जाएगा,
चहचहाते पक्षी ,गीत गाएगा पपीहा,
कभी उसके चेहरे पर चमक ला कर तो देख।
सभी ने साथ दिया है खुशी में सभी का,
कभी दो आंसू किसी के दुख में बहा कर तो देख।
तू है रब को मानता ऐ बंदे,
शबनम सरीखा बन कर तो देख।
यह पल नहीं मिलते दोबारा कभी,
इन पलों को आंखों में समा कर तो देख।
उड़ते पंछी ना जाने कब उड़ान भर ले ,उनके साथ समय बिता कर तो देख।
यह वक्त है बड़ा जोरावर मनुष्य,
इससे नहीं बचा आज तक कोई,
यह वक्त सदा तेरे साथ है,
किसी की सराहना करके तो देख।
रब ने दी है बुद्धि जागरूकता ,
रब को आजमाने की कोशिश ना कर,
वक्त सिखाता है बहुत कुछ बंदे,
उसके आगे सिर झुका कर तो देख।
सब कुछ सही होगा, जब तू सही होगा,
दूसरे के घर को रोशन करके तो देख,
मिलेंगी ढेर खुशियां जीवन में तुझको,
कभी तो निस्वार्थ प्रेम करके तो देख।
मां बाप ने सिखाया पढ़ाया पाठ जीवन का,
उसको अमल में ला कर तो देख,
यह जीवन है कर्मभूमि तेरी, एक हाथ पा और एक हाथ दे।
है भरोसा तुझ पर ए बंदे, भरोसे को उसके भरोसेमंद बन के तो देख,
श्लाघा करेंगे यह सारे जगत वासी ,
उनकी परख में उतर कर तो देख
BY;
(RAMESH VADEHRA)