Home Dil se अपने खालीपन
Dil se

अपने खालीपन

Share
Share

अपने खालीपन को भरने औरतें भरती रहती हैं बरनियों में अचारपतियों से उपेक्षित होकर खोजती हैं -पुत्री और पुत्र में वही प्यार…अंदर से धधकती भी हैं मगर बहाती हैं पुरवाई सी बयारढकने को अपना अवसाद करती हैं साज, श्रृंगार एक दिन में कई बार मजाल जो कह जाएं कि खालीपन है,बहुत खलीपन हौले से मुस्कुरा बस चुप रह जाती हैं हर बार..

          *शिवानी विनय सिंह*
Share
Related Articles
Dil se

कृष्ण जन्माष्टमी 

‘ऊधो मोहि बृज बिसरत नाहिं ‘…यदि आपको भी बृजभूमि  का  ऐसा ही...

Dil se

धुंधलाती आंखें 

रात के 10 बजे थे मेघना बच्चों के कमरे में लेट कर...

Dil se

 मुखौटा …

“मिसेज शर्मा , आज बेटी के जीवन के लिये इतना  खास दिन...

Dil se

  किटी

सावन, हरियाली तीज मेंहदी लगे हाथ, हरी हरी चूड़ियां राधा कृष्ण का...

Dil se

वह लड़की

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के एक नंबर प्लेट फार्म पर 25 वर्षीय...