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प्रि वेडिंग शूट

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ट्रिं..ट्रिं

“ काव्या  , हम लोग अपना प्रिवेडिंग शूट गोवा में करायेगें . “

‘नलिन,  पापा राजी नहीं होंगें . कहीं आस पास करवा लो . ‘

प्रिवेडिंग एक बार ही होता है इसलिये मेरी फीलिंग्स का भी तो तुम लोगों को ध्यान रखना चाहिये . मैंने गोवा डिसाइड कर लिया है. अब मुझे  कुछ भी नहीं सुनना . अपने पापा को समझा देना . कह कर उसने फोन काट दिया था . “

काव्या हेलो हेलो करती रही थी , वह फोन काट चुका था .

वह मायूस हो उठी थी . नलिन हर समय अपनी बात को ऊपर रखता है ,इसके साथ कैसे निभेगी ….

तभी उसका फोन बज उठा था … उधर नलिन ही था … काव्या बोली, “मेरी बात समझो , गोवा हम दोनों शादी के बाद हनीमून के लिये चलेंगें . “

माई स्वीट, इंतजार करो…  सरप्राइज दूँगा . अभी पापा खाने पर इंतजार रहे हैं…. लव यू..” मजबूरी में काव्या के पापा ने बेटी के साथ उसकी  कजिन बड़ी बहन को गोवा प्रिवेडिंग शूट के लिये भेज दिया.

प्रिवेडिंग शूट के लिये सी बीच और दूसरी लोकेशंस पर ऱोमैंटिक फोटोग्राफी हो गई थी . सब बहुत खुश थे . रात  होने वाली थी नलिन और काव्या दोनों ही  एक दूसरे से अलग नहीं होना चाहते थे क्योंकि दोनों ही भावनाओं के वेग  में डूब गये थे . एक दूसरे से मिलने को बेताब हो रहे थे जब रात गहरा गई तभी नलिन ने उसे बाहर आने का इशारा किया था .

दीदी  को गहरी नींद में सोता देख वह नलिन के कमरे की ओर खिंची चली गई थी . नलिन भी बाहें पसारे उसका इंतजार कर रहा था . नलिन के आग्रह को बार बार मना करने के बावजूद  जब दोनों ने  जाम टकराये और काव्या नशे की   मदहोशी के आलम में होश खो बैठी थी और दोनों आपस में अंतरंग रिश्ता बना बैठे .

नलिन को गहरी नींद में सोता देख काव्या अपने कमरे में आकर लेट गई थी परंतु मन ही मन अपनी भूल पर पछता रही थी लेकिन अब जो कुछ घटित हो गया उसको तो बदला नहीं  जा सकता था . सुबह की फ्लाइट थी . काव्या देख रही थी नलिन कुछ उखड़ा उखड़ा सा लग रहा था , उससे निगाहें भी नहीं मिला रहा था . वह कुछ समझ नहीं पा रही थी . दौनों की सीट के बीच में दीदी बैठी हुईं थीं . फोन भी बंद था . वह  आँखें बंद कर सोने का नाटक कर रहा था.

वहाँ से लौट कर आने के बाद काव्या नलिन को  मैसेज करती तो वह जवाब ही नहीं देता था. फोन करती तो वह फोन ही नहीं उठाता .

एक दिन भी नहीं बीता था कि नलिन के पिता ने पापा को बुलाया और कहा , आपकी लड़की की हरकतों के कारण हम लोग ये रिश्ता तोड़ रहे हैं . पापा  कुछ समझ पाते इसके पहले ही वह उठ कर अंदर चले गये थे . पापा को कुछ समझ ही नहीं आया था कि आखिर हुआ क्या … काव्या सोच रही थी कि क्या नलिन अंतरंग रिश्तों के  समय शामिल नहीं था , क्या उन क्षणों के लिये वह अकेली ही दोषी है .

पद्मा अग्रवाल

Padmaagrawal33@gmail.com

   

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