दुख है मुझे इस बात का ,जिनके अपने चले गये,जिनके सपने चले गये| उनकी कमी को तो कोई भी चाह कर भी पूरा नही कर सकता ,पर चाहती हू आप सभी खुश और स्वस्थ रहे|
आओ मिल कर खुशियां ढूढते है
कुछ तुम ढूढो कुछ हम ढूढते है|
हटा दो गमो के उन पन्नो को
अपने जीवन की किताब से|
जिसको हमारी किस्मत ने ही लिखा था,
हमारी ही आसूओ कि स्याही से|
आओ मिल कर खुशियां ढूढते है
कुछ तुम ढूढो कुछ हम ढूढते है|
आओ अपनी इस छोटी सी बगिया मे आशा के फूल खिलाते है,
चले गये है जो अपने,
उनकी यादो के दिये जलाते है
आज से आओ नई शुरूवात करते है
हर के जीवन की किताब मे
खुशियो के सारे रंग भरते है
आओ मिल कर खुशिया ढूढते है
कुछ तुम ढूढो कुछ हम ढूढते है
कोमल नरूला