वो तुम न थे वो तुम्हारा गुरुर था जिसने मुझे एहसास दिलाया कि मैं एक स्त्री हूँ और तुम्हारे मुकाबले मेरा अपना कोई वजूद नही मेरी खुशी मेरा स्वाभिमान सब बेमानी तुम्हारे झूठे अहंकार के चलते मुझे कब क्या बोलना है क्या नही ये कभी समझ ही नही पाई धीरे धीरे तुम्हारी खुशी की खातिर […]
महिलायें अपनी खुशी के लिये जीना सीखें
दुनिया की आधी आबादी महिलाओं की है। वही। इस सृष्टि की जननी है, फिर भी स्त्री को दोयम् दर्जे का समझा जाता है। पुरुष के साथ बराबरी के हक की मांग करके भी वह सदा से समाज के द्वारा छली जाती रही है। आवश्यकता इस बात की हैकि महिलायें स्वयं अपने महत्व को पहचानें । […]
वक्त
इन्सान बस खुशियो को खोज रहा है| कल की आस मे आज को खो रहा है, यह वक्त है जनाब बीतता जा रहा है आज नही कल करूगा बस यही दावा करता जा रहा है, कल की आस मे ,आज को खो रहा है […]
तुमको पता है?
तुमको पता है? मोनालिसा की मुस्कान कहीं खो गई है! उसकी आंखों की कशिश और होठों की मुस्कुराहट, जिसे दुनिया का कोई भी शख्स ढूंढ ही लेता था।लूव्र की दीवार से, वह मेरे कोने में आ छुपी है। डरी सहमी सी वहां खड़ी है।थक गई थी मुस्कुराते हुए; लाखों की भीड़ देखते- देखते..आज रोने का मन […]
आमंत्रण
आमंत्रण आइए श्रीमान फिर पीलीभीत शहर में, कान्हा वाली बांसुरी भी आपको बुलाती है। हिरणों की कूदफाँदबाघ भी लुभा रहे हैं, खुशबू बाँसमती की दुनिया को भाती है। चूकना न आप ‘चूका” बाइफर’ में आने को, ‘सात-झाल’ ‘साइफन’ वादियाँ बुलातीं हैं।देवहा, माला, शारदा डैम की अनूप छटा, उद्गम से आदि गंगा’ गोमती’ बुलातीं हैं।।—- गौरी शंकर […]
कभी मां बाप की कीमत कभी घर बार की कीमत।
Cover Pic Credit:https://www.google.com/imgres कभी मां बाप की कीमत कभी घर बार की कीमत। अगर न हो पता लगती है तब परिवार की कीमत। हमेशा जीत को भी जीत लेता है जो दुनिया में, समझता खूब है बस इक ज़रा सी हार की कीमत। महज़ रोटी की खातिर चैन से सोया न जो छः दिन। वही […]
हे रघुनन्दन ! दशरथ नन्दन
Cover Pic Credit:https://www.google.com/imgres हे रघुनन्दन ! दशरथ नन्दन, करबद्ध , तुम्हें शत शत वन्दन । हे दिव्य रूप! सन्ताप हरो सबके आँचल में हर्ष भरो मस्तक पर धार्य मुकुट, चन्दन, हे रघुनन्दन! दशरथ नन्दन…, करबद्ध , तुम्हें शत शत वन्दन । वन गमन तुम्हारा अति पावन, जो था आज्ञा का अनुपालन, तिस पर रोया कानन- […]
जब मैं तुमसे मिली
जब मैं तुमसे मिली सब कुछ याद है उस दिन का कहाँ जानती थी कि एक दिन ऐसा भी हो जाएगा मिलते ही तुमसे ये दिल मेरा तुम्हारा हो जाएगा पल पल हरपल तुम्हारे ही खयालों में खो जाएगा मेरे इस पागल जी को फिर और नही कुछ भायेगा तेरे वास्ते कुछ भी करने […]
वह लड़की
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के एक नंबर प्लेट फार्म पर 25 वर्षीय हैण्डसम आरव अपनी ट्रेन की प्रतीक्षा कर रहा था । सर्दी अपने शबाब पर थी , शाम के 7 बजे थे परंतु कुहासे और ठंड के कारण प्लेटफॉर्म पर पूरी तरह सन्नाटा पसरा हुआ था … कोहरे के कारण ट्रेन एक – एक […]
हैलो शिखा…..
इन दिनों त्यौहारों का ही माहौल था, शाम का समय था और पूरी बस खचाखच भरी हुई थी । आनन -फानन में मीनू ने किसी तरह खुद को बस के भीतर प्रवेश कराया और किस्मत से एक सीट मिल गई तो मीनू चट से बैठ गई ।जयपुर से रात का सफर था सुबह वो आराम […]