बालीवुड में लज्जा ,मदर इंडिया, दामिनी ,मर्दानी जैसी फिल्में भले ही अपनी पटकथा से स्त्री सशक्तिकरण की बात कहें और लाखों दर्शकों से तालियां बजवा भी लें मगर भारतीय समाज की असली हालत एकदम ही अलग है । आज भी राजधानी दिल्ली तक में युवतियों को सरेआम छींटाकशी, हिंसा, प्रताड़ना, छेड़छाड़ , बस रेलगाडी […]
Bachpan
सोचती हूँ तुम्हारा बचपन फिर वापस उठा लाऊँ वो प्यारे मीठे दिन फिर एक बार जी जाऊँ फिर तुम्हें कभी गोद में ख़िलाऊँ तो फिर कभी तुम्हारा घोड़ा बन जाऊँ फिर तुम्हें खाना खिलाने के हर रोज़ नए जतन जुटाऊँ फिर तुम्हें गुड्डा बना कर खूब सजाऊँ फिर तुम्हारा बचपन तस्वीरों में क़ैद कर जाऊँ फिर […]
चलो फिर लौट चलें
जी चाहता हे फिर पुराने वक़्त में चली जाऊँ फिर तुम से मिलने के बहाने सुझाऊँकोई पब्लिक बूथ से तुम्हें फ़ोन घूमाऊँ मिलने का वक़्त तय करके, उस वक़्त तक मुश्किल से रुक पाऊँसारा दिन यही सोच कर बिताऊँ कि क्या पहन कर तुमसे मिलने आयूँसहेली के लिए ले जा रही हूँ यह बोल कर […]
खुशियां
दुख है मुझे इस बात का ,जिनके अपने चले गये,जिनके सपने चले गये| उनकी कमी को तो कोई भी चाह कर भी पूरा नही कर सकता ,पर चाहती हू आप सभी खुश और स्वस्थ रहे| आओ मिल कर खुशियां ढूढते है कुछ तुम ढूढो कुछ हम ढूढते है| हटा दो गमो के उन पन्नो को […]
Vakt
वक्त वक्त को भी थोड़ा और वक्त दो वो वक्त भी अच्छा आयेगा तुम हौसला मत खो क्यूकि जो नसीब मै है वो खुदा भी तुमसे ना ले पाएगा विश्वास पर तो दुनिया कायम है तुम भी कर लोगे तो क्या हो जाएगा वो वक्त इतना बेरहम भी नहीं है जो कभी तुम्हारा नहीं आएगा […]
हरियाली तीज स्मृतियां…
तीज पर्व के दो नाम प्रचलित हैं ….आसमान में उमड़ती घुमड़ती काली घटाओं के कारण इस पर्व को कजली (कज्जली) तीज और सावन की हरीतिमा के कारण हरियाली तीज के नाम से पुकारते हैं । इस तीज पर्व पर तीन बातों के तजने ( छोड़ने ) का भी विधान भी पुस्तकों में मिलता है – […]
मैं स्त्री हूं
मैं स्त्री हूँ जग की जननी हूँ सृष्टिकर्ता हूँ परंतु विडम्बना देखो…. अपनी ही रचना ‘पुरुषों’ के हाथों सदा से छली जाती रही हूँ मेरी अस्मिता से खेलता है रौंदता है…. मसलता है ….. अस्तित्व को नकार कर उस पर बलपूर्वक राज करना चाहता है मैं स्त्री हूँ जन्मते ही दोयम् बन जाती हूँ ‘बेटी […]
“दिल की बात”
हम तो स्वच्छ दर्पन हैं किसी से भी नहीं डरते डरें वो सौ मुखौटे जो हैं अपनी जेब में भरते वादा कर मुकर जाना नहीं फ़ितरत हमारी है हम तो वो दीवाने हैं जो कहते हैं वही करते किसी का हक़ नहीं मारा नहीं की बेवफ़ाई है बचाया झूठ से दामन साफ़गोई से हैं रहते […]
दशरथी अम्मा
आइये आज आप सबको अपनी “दशरथी”अम्मा से मिलवाते हैं…ये कई वर्षों से घर के पास रहती हैं और घरों में काम करने जाती हैं ख़ूब बढ़िया अवधी भी बोलती हैं..जब ये हँसती हैं तो इनका बस एक दाँत ही कमाल करता है.. अब इनका नाम “दशरथी”कैसे पड़ा ये भी बड़ा दिलचस्प किस्सा है..ये दशहरे वाले […]