Suman Rawat: Social Activist

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सुमन रावत पॉवर  विंग्स फाउंडेशन की संस्थापिका /अध्यक्ष है। सुमन रावत का जन्म मूलरूप से उत्तराखंड के जिला चमोली के बूंगा गांव में राजपूत खानदान में हुआ । शिक्षित संयुक्त परिवार में पली बढ़ी होने के कारण अपनी सभ्यता संस्कृति शिक्षा नैतिक , सामाजिक और पारिवारिक जिम्मेदारियों का भी एहसास उनके अंदर कूट कूट कर भरा था। अपनी पढ़ाई के साथ साथ बचपन से ही दूसरों को मदद करने का जज्बा उनके अंदर था वह हमेशा दूसरों की परेशानियों वह जरूरत को दिल से महसूस करती। वक्त के साथ-साथ यह जज्बा व संवेदनशीलता उनके अंदर फर्ज के रूप में जन्म ले चुका था । जहां पर भी जरूरतमंद गरीबों को जो मदद चाहिए हर संभव उसको अवश्य मदद करने की कोशिश करती। धीरे-धीरे समाज उन्हें उनकी सेवा भाव से जानने लगा वह भी अपनी दिनचर्या का एक बड़ा वक्त समाज सेवा में देने लगी जिम्मेदारियां फर्ज के रूप में लेते हुए उन्होंने इस फर्ज को अपनी दिनचर्या की बना लिया एक बड़ी नेटवर्क कंपनी के साथ बड़े ओहदे  पर होने के बाद भी उन्होंने वहां रिजाइन पर पूर्णरूपेण सड़कों अस्पतालों श्मशान और मलिन बस्तियों पर काम करना शुरू किया इसी के साथ-साथ अपने 3 दोस्तों से मिलकर एक मुहिम की शुरुआत की बस इसी मुहिम की स्थापना पावर विंग्स फाउंडेशन के रूप में हुई और आज 7 साल हो गए संस्था को। वैसे सुमन का ये सफर 23 साल का हो गया। सामाजिक जिम्मेदारियों का यह सफर अनवरत आगे बढ़ता गया और फिर रुका नहीं लोग जुड़ते गए और एक बड़ा कारवां बन गया जिसने एक बड़ी टीम का रूप ले लिया। टीम के सभी सदस्य प्रोफेशनली अपने-अपने रोजगार में हैं  लेकिन समाज के प्रति अपने फर्ज को बड़ी कर्तव्य निष्ठा के साथ निभाते हैं। निस्वार्थ। जिसमें टीम द्वारा महिला सशक्तिकरण, पर उनके सम्मान ,सुरक्षा और स्वावलंबन  शिक्षा और स्वास्थ्य पर समय समय पर कार्यशाला और सहयोग किया जाता है।  सड़क दुर्घटनाओं पर घायलों को तुरंत अस्पताल पहुंचा कर उनकी जान बचना, गरीब जरूरत मंदों को ब्लड डोनेट करना, ग्रामीण क्षेत्रों और मलिन बस्तियीं में मेडिकल शिविर लगाकर हेल्थ और हाइजीन पर कार्यशान देना, बेटियों  ओर महिलाओं को सेफडिफेंस ट्रेनिग देना,गरीब बलिकाओं के शादी व्याह में मदद करना, लावारिस को खाने कपड़े और इलाज में मदद करना। मौसम के अनुसार जरूरतमंदों को कम्बल और कपड़े देना ,  टीम का मुख्य रूप से कार्य है। कोरोना जैसी महामारी में टीम ने  लोगों की जिंदगियां बचाने के लिए पूरी तरह कमर कस ली। पॉकेट मनी जो को अस्पतालों में भर्ती करवाना ऑक्सीजन का इंतजाम करवाना एंबुलेंस का इंतजाम करवाना जैसे कार्यों में रात दिन लगे रहे ,सैकड़ों परिवारों को राशन दिया गया। कोविड   काल में अपने घरों की ऒर पलायन कर रहे बूढ़े बच्चे महिलाओं बुजुर्गों को 5000 जोड़ी चप्पल कपड़े  जरूरतमंदों को दिए गए बच्चों को दूध दवाइयां इलेक्ट्रोल फल खाद्य सामग्री दिया गया। पैदल चल रही सैकड़ों महिलाओं को बड़ी मात्रा में सेनेटरी पैड वितरित किया गया।जिन कोरोना मृतकों को उनके घरवालो ने मजबूरी बस या जानबूझकर  भी छोड़ दिया था उसके धर्म के अनुसार उनका क्रिमिनेशन  टीम द्वारा किया गया। लगातार कोविड में रात दिन टीम ने  मदद की। साथ साथ कोविड टीकाकरण के लिए समाज को लगातार जागरूक किया और  कर रही है। संस्था का एक अपना क्लोज बैंक भी है जिसमें समाज के तमाम नेक लोगों द्वारा अच्छी कंडीशन में कपड़े डोनेट किये जाते हैं जो कि टीम जाड़ा गर्मी बरसात सड़कों पर अस्पतालों में पड़े गरीब लोगों को पहनाती है। संस्था की एक अपनी एडवोकेसी टीम है ,जो गरीबो की कानूनी लड़ाई में मदद करती है।संस्था  जल जमीन जंगल माटी और पेड़ पौधों को बचाकर पर्यावरण की सुरक्षा के लिए भी टीम जागरूक करती है। टीम समाज के सर्वांगीण विकास में अपना अदना सा फर्ज निभाने के लिए 365 दिन कार्य करती हैं। और संस्था विभिन्न सरकारी गैर सरकारी संगठनों संस्थाओं द्वारा सैकड़ों बार सम्मानित हो चुकी है। जय हिंद।

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