कविताएँ कहानी मेरे शौक़मुझे मेरे किरदारों को जीने केअलावा कुछ नहीं आतामेरे किरदार मेरी कमाई हैंऔर उनकी भावनाएँमेरे बोनस और ग्रेजुएटीकभी कभी सोचती हूँ किमेरे रिश्ते मेरे किरदार होतेतो अपनी कलम से उन्हेंमन चाहे रंग में रंगतीपर वो किरदार हैंउस विधाता केजिसने लिखा हैमेरा किरदार जोसिखाता मुझे किमुझे कैसे मेरा किरदारहै निभाना खुद सेछोड़ के […]