रात के 10 बजे थे मेघना बच्चों के कमरे में लेट कर पत्रिकायें पलट रही थी , अचानक ही बर्तन गिरने कीटन्न की आवाज से उनका ध्यान भंग हुआ तो वह झटके से उठ कर किचेन की ओर तेजी से गई थीं तभीवैभव का नाराजगी भरा उनका स्वर उनके कानों में पड़ा था , ‘इस […]
रात के 10 बजे थे मेघना बच्चों के कमरे में लेट कर पत्रिकायें पलट रही थी , अचानक ही बर्तन गिरने कीटन्न की आवाज से उनका ध्यान भंग हुआ तो वह झटके से उठ कर किचेन की ओर तेजी से गई थीं तभीवैभव का नाराजगी भरा उनका स्वर उनके कानों में पड़ा था , ‘इस […]