जुनून से ऊंचाइयों तक: एक महिला शेफ की प्रेरक यात्रा -अलका सिंह तोमर

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WS: सबसे पहले तो आप अपने शेफ के सफ़र के बारे में बताइए? कब आपको एहसास हुआ कि आपको शेफ बनना है ? और अपने जीवन की यात्रा को लोगों के घरों में स्वाद पहुंचाकर आगे बढ़ाना है ?

AT: मुझे लगता है मेरा जन्म ही स्वाद और मसालों से खेलने के लिए हुआ है | मैं हर वक़्त खाने के बारे में ही सोचती हूँ, लगभग सात साल की थी तब से खाना बनाने से दोस्ती हो गई थी तब ख़ुशी होती थी जब सब खाना की तारीफ करते थे | मेरी माँ बहुत शानदार खाना बनाती थी और मैंने भी स्वाद, रंग और सुगंध की समझ उन्ही से पाई है |
मैं लॉ से स्नातक हूँ, उर्दू में बी.एड किया है, कविताएँ और कहानी भी लिखती हूँ लेकिन सारा ध्यान खाना पकाने की तरफ रहता है | जब बार बार मेरा मन इस तरफ जाने लगा तो मैंने इसे ही अपना लिया | खाने में नयापन लाना मेरी कोशिश रहती है |अभी मैंने बाजरा पर काम किया है | मैंने बाजरा के गुलाब जामुन, कबाब, खीर और रोल्स आदि बनाए जिसके लिए मुझे पुरूस्कार भी मिले हैं | मैंने अपना करीब 40 वर्ष से भी अधिक का समय इस काम को दिया है |  

 

WS: आपकी इस जर्नी में कई बार उतार चढ़ाव आए होंगे कई बार लगा होगा कि इस पेशे को छोड़ देना चाहिए ऐसे में वो कौन सी प्रेरणा थी जो आपको आगे बढ़ने के लिए कहती थी और इस जर्नी में किसने आगे बढ़ने में आपको मदद किया ?

AT:  हाँ बिल्कुल, ऐसा कई बार हुआ | कुछ सामान नहीं मिल पाते थे तो बाहर से मंगाने पड़ते थे जो बहुत दिनों के बाद मुझ तक पहुंचते थे | ऐसे वक़्त में कई बार ये लगता था कि मैं अपने इस पैशन को छोड़ दूँ और ये काम करना ही छोड़ दूँ |  लेकिन घर वालों की तरफ से सहयोग मिला उन्होंने अपने रूचि के हिसाब से काम करने में मदद की तो फिर कोई दिक्कत नहीं हुई | मेरा पढ़ा-लिखा परिवार है इस वजह से सभी को पढ़ाई की वैल्यू पता है और वो जानते हैं पढ़-लिखकर व्यक्ति कुछ भी कर सकता है | तो इसलिए कोई समस्या नही आती थी | हाँ कभी कभी लोग ये जरूर कहते थे कि इतनी इतर और कठिन चीज चुनने की आवश्यकता क्या है | लेकिन इसके अलावा कुछ नही उन्होंने हमेशा मुझे आगे बढ़ने में साथ दिया |
बचपन में हमारे घर में टेलीविजन नही था लेकिन मेरी आँखों के सामने ये चलता रहता था कि मैं लोगों को खाने के बारे में कुछ बता रही हूँ और उन्हें खाना पकाना सिखा रही हूँ और आज वो सपना सच हो गया और मैं इन सबके लिए अपनी माँ को श्रेय देती हूँ |

WS: जब रील्स की दुनिया में लोगों की च्वाइस हर पल बदलती रहती है! मैं समझती हूँ कि कुकिंग और शेफ का काम भी काफी क्रिएटिव होता है, ऐसे में कितना कठिन हो जाता है नए नए व्यंजन के बारे में सोचना और एक नई  डिश तैयार करना?

AT: आज कल रील्स से तो सभी प्रभावित होते हैं, आपकी बात बिल्कुल ठीक है | मुझे भी रोज नए स्वाद और नए तरीकों के बारे में सोचना पड़ता है | ऐसे में बहुत मजा भी आता है अपनी रचनात्मकता पर भी गर्व होता है | ऐसे में खाना बनाना, और उसे लोगों के सामने प्रस्तुत करना सब चीजों में निखार भी आता है |

WS: आज के इस दौर में जब स्त्रियों को घर में रहकर खाना बनाना एक पुरानी और पिछड़ी सोच लगती है ऐसे में शेफ जैसे पेशे में आने के बारे में आपने कैसे सोचा?

AT: कुछ लोग होंगे जो ऐसा सोचते हैं मुझे भी मालूम है, मैं उन लोगों से कहना चाहूंगी कि अपने परिवार को पौष्टिक और स्वादिष्ट भोजन कराने में मजा आना चाहिए, न कि खाना पकाना जैसे काम को अपमान की दृष्टि से देखना चाहिए | आप अपने परिवार के लिए न जाने क्या-क्या सोचते हैं उसमें परिवार को अच्छा खाना पकाकर देना बहुत छोटी सी चीज है | मुझे तो गर्व होता है कि पढ़े लिखे परिवार से आने के बावजूद मैंने इसे अपना करियर बनाया | मैं इसे एक रचनात्मक कार्य मानती हूँ और इसीलिए मैं इसकी ओर आकर्षित भी होती हूँ | मैं तो हर जन्म इसी काम को करना चाहूंगी |

WS: बहुत से लोग हैं जिनके आज के दौर में खाना बनाना नहीं आता है वो अगर सोशल मीडिया से सीखते भी हैं फिर भी उन्हें वो गाइडेंस नहीं मिल पाता है ऐसे में उनके लिए क्या रास्ता है?

AT: सोशल मीडिया पर आजकल बहुत से लोग हैं जो खाना बनाना सिखाते हैं लेकिन उन्हें खुद ये पता नही होता कि टीचिंग एक कला है जो उनमें नहीं है | खुद कुछ बना लेना और दूसरों को बनाना सिखाना इन दोनों में बहुत बड़ा अंतर होता है | लोग सोशल मीडिया पर देखते हैं लेकिन जब उन्हें खुद बनाना पड़ता है तो उनके लिए मुश्किल खड़ी हो जाती है| क्योंकि सोशल मीडिया पर सब कुछ जल्दी जल्दी होता है ऐसे में समझ पाना मुश्किल हो जाता है | लोगों को सीखने के लिए एक अच्छे इंस्टीट्यूट को ज्वाइन करना चाहिए |

WS: आजकल लोगों के पास वक़्त की कमी है सब कुछ 2 मिनट में होता है ऐसे में लोगों को खाना भी जल्द से जल्द चाहिए होता है तो इस बारे में आपके क्या विचार हैं और कुछ ऐसी डिश जो जल्द पक सके उस बारे में बताइए?

AT: आजकल लोगों के पास वक़्त की कमी है लेकिन खाना तो खाना ही है | ऐसे में मैं लोगों से यही कहूँगी कि वो अपना वक़्त कुछ अन्य जगहों पर खर्च करना कम करें और कुछ अच्छा खाएं क्योंकि यही उनकी सेहत को बनाए रखेगा | अगर आपको जल्दी से कुछ पकाना है तो इसके लिए आप पहले से सब्जियां काटकर रख लें | कुछ मसाले जो लम्बे चलते हैं उन्हें भी तैयार करके पहले से रख लें | पनीर, दही हमेशा अपने घर में रखें तो जल्दी ही आपका खाना भी बन जाएगा |

WS: खाना पकाना एक बोरिंग काम के रूप में देखा जाता है ऐसे में लोगों को ऐसा क्या करना चाहिए कि उन्हें खाने पकाने से प्यार हो जाए?

AT: खाना पकाना उबाऊ कभी नहीं होता है | आप जब अपनों और अपने आप से प्यार करने लग जाएंगे तो ये सब आसान हो जाएगा | अपनों से प्यार करना आपको खाना बनाने के करीब लाता है और कोई भी अपने परिवार को भूखा रखना पसंद नही करेगा |

WS: जो इस पेशे में आगे बढ़ना चाहते हैं उन्हें आप क्या दिशानिर्देश देना चाहेंगी और साथ ही साथ इस पेशे ने आपको क्या कुछ सम्मान दिया उसके बारे में कुछ बताइए?

AT:मैं आपको बताना चाहूंगी कि मुझे लोग प्यार और सम्मान की नजर से देखते हैं | कुछ लोग गले लगते हैं तो कुछ पाँव तक छूते हैं | कुछ लोग ये तक सोचते हैं कि मैं उनसे एक बार बात कर लूँ | मुझे इस काम के जारी ही राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरुस्कार भी मिल चुके हैं | मैं जब भी लोगों के साथ जुड़ती हूँ तो उन्हें आखिरी मुकाम तक पहुंचाती हूँ जिसके वो हक़दार होते हैं |  मेरे स्टूडेंट्स भी आज इस फील्ड में अच्छा कर रहे हैं | विदेश से लोग हमारे यहाँ आते हैं इसके अलावा यहाँ का सबसे महत्वपूर्ण विंग आर्मी मेडिकल से भी लोग हमारे यहाँ पाक कला को सीखने के लिए आते हैं |

WS: अंत में मैं जानना चाहूंगी आपके प्लेटफार्म के बारे में जहाँ पर लोग जाकर खाना पकाना और रसोईं से सम्बन्धित अन्य कार्यों को सीख सकते हैं ?

AT: “अल्का मास्टर कुकिंग क्लासेस” नाम की मेरी एक अकाडमी है | जहाँ पर भोजन की हर विधा पर काम करते हैं और क्लासेस भी लेते हैं | ट्रेनिंग देकर उनका प्लेसमेंट, इंटर्नशिप भी करवाते हैं और जहाँ तक सम्भव होता है उनका साथ देते हैं | हर तरह के हमारे स्टूडेंट होते हैं कुछ डॉक्टर होते हैं कुछ सरकारी विभाग से होते हैं तो कुछ इंजीनियर भी होते हैं | ऐसे भी कई लोग हैं जो अपनी अच्छी नौकरी छोड़कर हमारे पास आते हैं और फिर इसमें आगे बढ़ते हैं बहुत से लोग इसमें अच्छा करियर बनाते हैं और कुछ लोग तो विदेश भी जाते हैं | 


अंत में मैं बस इतना ही कहूँगी कि शेफ एक अच्छा करियर विकल्प है | जो इस क्षेत्र में आगे बढना चाहते हैं वो मेरे इंस्टिट्यूट से जुड़ सकते हैं |

Team WS

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