Category: Dil se

शिक्षक

 शिक्षक राष्ट्र निर्माता होता है। वह अपने प्रयास और शिक्षण तकनीकों से छात्रों के भविष्य का आधारशिला रखता है। यह कहना है राज्य अध्यापक पुरस्कार 2019 से पुरस्कृत शिक्षक खुर्शीद अहमद का, सहायक अध्यापक उच्च प्राथमिक विद्यालय सहवा क्षेत्र देसही देवरिया का।*बच्चों की शैक्षिक गुणवत्ता हेतु प्रयास*–       ‌‌ विज्ञान विषय को रुचिकर, बोधगम्य […]

एक स्त्री की कहानी उसी की जुबानी

आज स़े तीस साल पहले स्त्री की मानसिक पीड़ा का चित्रण करती मेरी कहानी शायद आज भी पुरुष के अहंकारी वर्चस्व से आजाद नहीं हो पाई…. फरवरी महीने की हल्की हल्की ठंड, कुछ देर पहले बारिश भी हो चुकी थी ….. मौसम सुहावना और खुशनुमा था … लक्ष्मी जी रोजाना शाम को सोसायटी के गार्डेन […]

अपने ऊपर हावी न होने उम्र को दें …..

आजकल अनेक महिलायें अपने घर की दहलीज पार कर नौकरी या व्यवसाय  में व्यस्त हैं परंतु अभी भी बहुत सी महिलाओ की बड़ी आबादी ऐसी है जो गृहिणी कहलाती हैं .. यह महिलायें सुबह से रात तक घरेलू कामों में लगी रहती हैं . झाड़ू पोछा , बर्तन , खाना आदि कामों में व्यस्त रहने […]

वृद्धालय

ट्रि.ट्रि.ट्रि“ “हां, सुयश आज इतने दिनों बाद मेरी याद कैसे आ गई?’सौम्या कैसी है तुम?’’ “मैं तो ठीक हूं, सीधे सीधे काम की बात करो।‘’ “एक प्लान है, उसके लिये मुझे तुम्हारी मदद की जरूरत है।‘’ “साफ साफ  बोलो ,भूमिका न बनाओ।‘’ “मेरे पास एक बिल्डर आया था ।वह अपनी कोठी और बगीचे को तोड़ […]

शगुन का लिफाफा

स्नेहा और पारो दोनों के बीच अच्छी दोस्ती थी …. दोपहर में अक्सर दोनों एक दूसरे के साथ सोसायटी के लोगों की गॉसिप करके अपना मनोरंजन के साथ ज्ञानवर्द्धन भी कर लिया करती थीं … लेकिन  आज जब स्नेहा उसके पास आई तो वह बॉस के बेटे के रिसेप्शन के कार्ड के बारे मे पारो […]

आखिर हूं तो मैं भी इंसान ही

आखिर हूं तो मैं इंसान ही कदम-कदम पर रोता हूं हर कदम पर सोचता हूं तमन्ना को सूली चढा कर मजबूरियां ओढकर निकलता हूं हर कदम पर सिखाया है, क्या ? लड़कियों की तरह रोता है        क्या करूं? भीग ही जाती है पलके कभी हो ही जाती है आंखे नम आखिर हूं तो इंसान […]

तन मन रंगों से सराबोर हो गया ——

‘आज बिरज में होरी रे रसिया ‘ गले में ढोलक लटकाये हुये गुलाटी जी गुलाल उड़ाते हुये होली के खुमार में पूरीतरह डूबे हुये रमन को आवाज दे रहे थे । वह तो पहले से ही प्लेट में गुलाल और गुझिया सजा कर तैयार बैठे थे । बसशुरू हो गया ‘रंग बरसे भीगे चुनरवाली ….’ […]

मथुरा वृंदावन का रंगबिरंगा होलिकोत्सव

Image Source : google.com  रंगो का पर्व होली भारत का सर्वाधिक आनंददायी उत्सव है ।  ये उत्तर भारत का प्रमुख त्यौहार है …. लोग एक दूसरे को गुलाल लगा कर गले मिलते हैं । छोटे लोग बड़े लोगों का चरण स्पर्श कर उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं ।किसानों की फसल कट चुकी होती है और […]

अम्मा मोहे भी पिचकारी चाही

कल रात सुखिया की उसके बेवड़े पति ने बहुत पिटाई की थी  और वह रोते रोते भूखी ही सो गई ….वह अपने जख्मों को सहलाती हुई बासी रोटी अपने जिगर के टुकड़े लालू को देकर रोज की तरह अपने काम पर निकल गई  थी । वह सड़क पर बैठ कर कुछ फल या सब्जी बेच […]

ज़िंदगीनामा

आओ ज़रा ज़िन्दगी  को चूम लें कभी जश्न में  कभी बारिशों  में  झूम लें मन के ज़ंग लगे सभी किवाड़ खोल दो ज़हरीली हो चली हवाओं में आब -ऐ- हयात घोल दो महंगे हुए लिबास और सस्ती हुए हस्तियां रश्क़ -ऐ -झूमर से तू रोशन न कर यूँ बस्तियां गुमशुदगी से निकल कभी महफिलों का […]

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