Category: Dil se

तन मन रंगों से सराबोर हो गया ——

आज बिरज में होरी रे रसिया ‘ गले में ढोलक लटकाये हुये गुलाटी जी गुलाल उड़ाते हुये होली के खुमार में पूरी तरह डूबे हुये रमन को आवाज दे रहे थे । वह तो पहले से ही प्लेट में गुलाल और गुझिया सजा कर तैयार बैठे थे । बस शुरू हो गया ‘रंग बरसे भीगे […]

पिचकारी ….

अम्मा मोहे भी पिचकारी चाही कल रात सुखिया की उसके बेवड़े पति ने बहुत पिटाई की थी और वह रोते रोते भूखी ही सो गई ….वह अपने जख्मों को सहलाती हुई बासी रोटी अपने जिगर के टुकड़े लालू को देकर रोज की तरह अपने काम पर निकल गई थी । वह सड़क पर बैठ कर […]

बगरो है वसंत

पिय बगरो है वसंत पर तुम अबहु नहिं आये दक्षिणायन सूर्य की रश्मियों से डर कर कहूँ छिप गया कुहासा चिड़ियाँ चहचहा रही हैं कोयल की मूठी मीठी कूक गूँज रही है चहुँ ओर फैली वसंती बयार नीले अंबर के नीचे धरा ने पहन ली है वसंती ओढनी बगिया में खिल उठे रंग बिरंगे पुष्प […]

JASHN -A – AAZADI

जश्न ए आजादी कुछ पंक्तियां उनको समर्पित जिन्होंने आजादी के समय पार्टीशन देखा पन्ने पलटू या रहने दूं कहो, तो सोती रुह को जगा दूं स्वतंत्र हैं हम खुश हो लूं या, अनचाहा इतिहास दोहरा दूं मानवता के एक मंथन को फिर से आज तोहरा दो लकीर की क्या बात करें तकदीर ही बदल दी […]

नव वर्ष के लिये संकल्प लें…..

2022 बीत गया…. कैलेण्डर बदल जाता है साथ में हर दिन कुछ खट्टी मीठी यादों को देकर जाता है….. क्यों कि कालचक्र तो अनवरत् गतिवान रहता है …. वर्ष 2023 का आगमन होने ही वाला है … कोरोना फिर से डरा रहा है …फिर भी नववर्ष अपने साथ बहुत सारी उम्मीदें और सपने लेकर आता […]

प्यार हो तो ऐसा ……

रात के ग्यारह बजे थे शिशिर सोने की तैयारी कर रहा था , तभी उसका मोबाइल बज उठा था ….दीदी ने रुआंसी सी आवाज में कहा , ‘शिशिर , इस बार दीपावली यहीं मना लो… ‘ नहीं दी , आप जानती तो हो कि मैं आपके यहाँ आना नहीं चाहता …’ वह नाराजगी भरे स्वर […]

हम थोड़ा थोड़ा परेशान हैं

अब हम पचपन पार हो गये हैं इसलिये चिंतित और परेशान है माथे पर लकीरें बन गईं हैं मन ही मन परेशान से रहते हैं लेकिन चेहरे पर मुखौटा लगा कर मुस्कुरा रहे हैं बच्चों के कैरियर की चिंता उनकी नौकरी की चिंता नौकरी है तो लोन की चिंता ई. एम. आई .की गाड़ी की […]

चमत्कार

रवि बदहवास सा हॉस्पिटल के ऑपरेशन थियेटर के बाहर चहलकदमी कर रहा था ऑपरेशन थियेटर की रेड लाइट उसेचिढा रही थी . पिछले तीन घंटे से सोनिया ऑपरेशन थियेटर के अंदर थी … अकेले रवि की घबराहट बढती जा रही थी .कभी वह सोनिया की सलामती के लिये भगवान् से प्रार्थना करता , कभी ऑपरेशन […]

दीपावली और बचपन

वही गुलाबी जाड़े की, खुशनुमा शुरआत , तासीर वही है, वही है दिवाली की रात। ** दिनों पहले से होती थी तैयारी जिसकी साफ होती थी दहलीज आले जाले दराजों कि हर चिट्ठी अठन्नी चवन्नी जो रख कर भूल जाते थे उन दिनों पाकर कितना इठलाते थे ** उछलते कूदते घर भर में हुड़दंग मचाते […]

चमत्कार

रवि बदहवास सा हॉस्पिटल के ऑपरेशन थियेटर के बाहर चहलकदमी कर रहा था ऑपरेशन थियेटर की रेड लाइट उसेचिढा रही थी . पिछले तीन घंटे से सोनिया ऑपरेशन थियेटर के अंदर थी … अकेले रवि की घबराहट बढती जा रही थी .कभी वह सोनिया की सलामती के लिये भगवान् से प्रार्थना करता , कभी ऑपरेशन […]

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